- सिटी के अपर क्लास से लेकर लोवर क्लास तक अपनी जड़ें जमा चुकी है नशाखोरी, सूखे नशे का तेजी से बढ़ रहा चलन

-हर साल करोड़ों रुपए की चरस, स्मैक, गांजा बरामद होने के बाद भी पुलिस नशे की सप्लाई का नेटवर्क तोड़ने में नाकामयाब

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KANPUR : एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत की जांच के दौरान ड्रग्स का जो रैकेट सामने आया उससे पूरे बॉलीवुड में खलबली है। कैसे टॉप सोसाइटीज में नशाखोरी की जा रही है इस पर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अगर कानपुर की बात की जाए यहां भी हालात अच्छे नहीं हैं। जहां नशाखोरी सिटी के अपर क्लास से लेकर लोवर क्लास तक अपनी जड़ें जमा चुकी है। परम्परागत नशे की बजाए अब शहर में सूखे नशे की खपत तेजी से बढ़ रही है और सबसे ज्यादा यंगस्टर्स इसका शिकार हो रहे हैं।

बस्ती से लेकर बंगलों तक

सूखे नशे की यह लत किसी एक तबके तक सीमित नहीं है बल्कि बस्ती से लेकर बंगलों तक और स्टूडेंट्स लेकर हाई प्रोफाइल जाब वाले इसके लती हैं। चरस, स्मैक, गांजा और ड्रग्स की हर साल करोड़ों की खपत कानपुर कर रहा है। शहर में नशे की सप्लाई किस कदर हो रही है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते 30 दिनों में ही पुलिस ने डेढ़ करोड़ से ज्यादा कीमत का गांजा, स्मैक और चरस बरामद की है। जिसे शहर में खपाया जाना था। पुलिस इस तरह की कार्रवाई तो आए दिन कर रही है लेकिन सप्लाई का नेटवर्क तोड़ने में नाकामयाब है।

जवानी कर रहे बर्बाद

बीते दिनों काकादेव में पकड़े गए ड्रग्स रैकेट के माफियाओं ने कोर्ट में सरेंडर किया। वहीं पुलिस ने ड्रग माफिया सुशील उर्फ बच्चा के भाई को रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो उसने नशे के कारोबार से जुड़े कई राज उगले। पुलिस ने उसके घर से डेढ़ किलो के करीब और गांजा बरामद किया। उसने बताया कि कैसे काकादेव कोचिंग मंडी से लेकर शहर के पॉश इलाकों में चरस और स्मैक से लेकर ड्रग्स की सप्लाई होती थी। कोचिंग मंडी में हॉस्टल्स में रह कर तैयारी करने वाले छात्रों को भी इसका लती बनाये जाने की पुष्टि उसने की थी। यंगस्टर्स को नशे का सामान मुहैया कराने के लिए उन जगहों को चुना गया है। जहां उनकी उठ बैठ ज्यादा होती है। पान की दुकान हो, मैगी प्वाइंट हो या फिर हुक्का बार। इन जगहों पर सूखे नशे का इंतजाम भी आसानी से मिल जाएगा।

नशे के ये बड़े ठिकाने-

अनवरगंज, खलासीलाइन, दर्शनपुरवा, एलनगंज, गुप्तारघाट वाली रोड, कर्नलगंज, बजरिया, गंगा बैराज, गोवर्धनपुरवा, अंबेदकर नगर,रानीगंज, काकादेव, तुलसीनगर। लालकुर्ती, शांति नगर।

पश्चिम बंगाल और नेपाल से आ रही खेप

सिटी में चरस,स्मैक,गांजा, अफीम, हेरोइन जैसे नशे के सामान की आपूर्ति कई रास्तों से हो रही है। नेपाल से आने वाला सामान लखीमपुर खीरी, बहराइच के रास्ते सड़क से कानपुर तक पहुंचता है। वहीं पश्चिम बंगाल से भी बड़ी मात्रा में नशे की खेप आती है। इसमें से ज्यादातर सामान ट्रेनों के जरिए या ट्रकों में छिपा कर भेजा जाता है। बीते दिनों महाराजपुर पुलिस ने ऐसी एक बड़ी खेप को हाईवे पर पकड़ा था। इस दौरान एक क्विटंल से ज्यादा गांजा बरामद किया गया था। कानपुर में नशे के सामान की सप्लाई का बड़ा केंद्र अब झारखंड भी बन गया है। हर महीने इन जगहों से 5 से 6 करोड़ रुपए कीमत का नशीला सामान कानपुर लाया जाता है।

हाईसोसाइटी से स्कूल कॉलेज तक

कोरोना काल की वजह से सिटी की हाई सोसाइटी में होने वाली लेट नाइट पार्टीज तो फिलहाल बंद हैं,लेकिन इन पार्टीज में होने वाली नशे के सामान की खपत में कोई खास कमी नहीं आई है। जिन्हें इसकी लत है वह किसी न किसी तरह से इसे मंगा ही लेते हैं। ड्रग्स के सप्लाई फोन कॉल पर डिलीवरी की भी फैसेलिटी देते हैं। बशर्ते उसकी अलग कीमत चुकानी पड़ती है। इसके अलावा कुछ बड़े कान्वेंट स्कूल्स के आसपास भी सूखे नशे का यह सामान आसानी से मिल जाएगा।

बिठूर के फार्म हाउस में होती हैं पार्टी

दिल्ली, मुंबई की तरह शहर में बिठूर और अन्य बाहरी इलाकों में बने फार्म हाउस में लेट लाइट नशे की पार्टियां आयोजित की जाती हैं। वाट्सएप और सोशल मीडिया के जरिए इन पार्टीज के लिए युवाओं को जोड़ा जाता है। इसके बाद तारीख फिक्स होने पर वाट्सएप के जरिए ही इनविटेशन भेजा जाता है। इसके लिए सभी को एक कोडवर्ड दिया जाता है जिसके जरिए पार्टी में एंट्री होती है। ज्यादातर पार्टी वीकएंड पर होती हैं। इन पार्टियों में जमकर सूखा नशा परोसा जाता है। इन पार्टियों में लड़कियां भी शामिल होती हैं। नशे के साथ पार्टी में अश्लीलता भी होती है।

बीते दिनों नशीले सामान की बरामदगी

- काकादेव अंबेदकर नगर में पुलिस ने एक करोड़ गांजा चरस और स्मैक किया बरामद

- नजीराबाद में 10 किलो नशीले पदार्थ के साथ महिला को पुलिस ने किया अरेस्ट

- बिधनू में 1.4 किलो गांजा के साथ युवक अरेस्ट

- सजेती में तस्करी करके लाई जा रही एक किलो स्मैक के साथ युवक अरेस्ट

- सचेंडी में पुलिस ने छापा मार कर महिला को किया अरेस्ट, 1.6 किलो गांजा बरामद

- रिमांड में पूछताछ के दौरान ड्रग माफिया के भाई ने बरामद कराया डेढ़ किलो गांजा

- अक्टूबर 2019 में गंगा बैराज के पास से एसटीएफ ने डीसीएम से 40 लाख का गांजा पकड़ा

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2019 में नशे के कारोबार पर कितनी लगी थी लगाम-

795 - लोग एनडीपीएस एक्ट के तहत अरेस्ट

25- परसेंट तक बढ़े एनडीपीएस एक्ट के केसेस

158- क्विंटल गांजा शहर में किया गया बरामद

14- क्विंटल स्मैक भी पुलिस ने गई बरामद

97- किलो डायजापाम नशीला पाउडर बरामद

87- क्विंटल चरस पुलिस की छापेमारी में मिली

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