- कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा किनारे उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, शाम को मनाई देव दीपावली, घाटों पर एक जले लाखों दीपक

KANPUR : कार्तिक पूर्णिमा पर सूर्य की पहली किरण निकलने के साथ गंगा में आस्था की डुबकी लगाने वालों का रेला चल पड़ा। सूर्य अस्त होने के बाद घाटों पर मंत्रोच्चार के बीच एक साथ जले लाखों दीयों ने माहौल में भक्ति का रंग बिखेर दिया। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद मंदिरों में दर्शन किए और दान-पुण्य किया। इस दौरान कई जगह कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं दिखा।

घाटों पर दीपदान किया

अटल घाट, सरसैया घाट, लक्ष्मण घाट, मैगजीन घाट, बाबा घाट, ब्रह्मावर्त घाट, महराज घाट, पत्थर घाट समेत सभी 23 घाटों पर दीपदान किया गया। बिठूर में इस बार मेला नहीं लगा। जिससे श्रद्धालु थोड़ा निराश हुए। अटल घाट पर 21 हजार दीये जलाकर देव दीपावली मनाई गई। गंगा देव दीपावली समिति द्वारा अटल घाट पर 21 हजार दीये जलाए गए। समिति के अध्यक्ष बालयोगी अरुण चैतन्यपुरी, राजीव शुक्ला द्वारा समेत सैकड़ों भक्तों ने बिठूर से लेकर जाजमऊ तक सभी घाटों पर दीपदान किया।

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कार्तिक पूर्णिमा: एक नजर

- इस दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है

- इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था

- पुराणों में भी कार्तिक पूर्णिमा का महत्व बताया गया है

- इस दिन दान और गंगा स्नान का विशेष महत्व है

भारी भीड़ से लगा जाम

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए गंगा बैराज से एंट्री को बंद कर दिया गया। मैनावती मार्ग को जोड़ने वाले रास्तों पर भारी भीड़ रही और कई बार जाम लगा रहा। यही हाल विकास नगर से एनआरआई सिटी रोड का रहा। जाम देखकर पुलिस ने व्यवस्थाओं को संभाला।

तुलसीजी का विवाह कराया

श्री सालासर बालाजी मंडल द्वारा कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तुलसी विवाह का भी आयोजन किया गया। महिला सदस्यों ने माता तुलसी का श्रृंगार कर चुनरी पहनाई। विधि-विधान भगवान शालिग्राम संग तुलसी विवाह की रस्में निभाई गई। आनंद मोदी, मदन लखोटिया, निरंजन चौधरी, शिवदत्त पांडेय, ज्ञानेंद्र विश्नोई, अमित गुप्ता, शेष नारायण त्रिवेदी आदि रहे।