-शहर में 10 महीने के अंदर गायब हो चुके हैं 120 बच्चे और 203 बालिग लोग

-शहर का एक 'नजीब' तो चार साल से है गायब, पुलिस ने भी फाइल कर दी है बंद

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KANPUR : जेएनयू यानि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए नजीब अहमद का दिल्ली पुलिस सुराग नहीं लगा पा रही है। नजीब की मां ने दिल्ली पुलिस को 'नींद' से जगाने के लिए बेटे के साथियों के साथ इंडिया गेट पर धरना भी दिया तो इस मामले ने तूल पकड़ लिया। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जब आई नेक्स्ट ने कानपुर में 'नजीब' खोजे तो एक नहीं सैकड़ों मिल गए। जो कई महीनों से लापता हैं। उनके परेशान परिजन अपनी 'आंखों के तारे' को ढूंढने के लिए थाने से लेकर आला अफसरों के दफ्तरों में चक्कर लगा रहे हैं। इनमें कुछ 'नजीब' ऐसे भी हैं, जिनके परिजन पुलिस की अनदेखी की वजह से उनकी लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करवा पाएं हैं।

पुलिस ने कर िदया 'खेल'

आई नेक्स्ट की इन्वेस्टिगेशन में जो सबूत मिले हैं उनके अनुसार तो पुलिस ने कानपुर के कई 'नजीब' को खोजने में अपना 'खेल' भी कर दिया। हाल ये है कि कई 'नजीब' के गायब होने के बाद रिपोर्ट भी दर्ज हो गई है तो उनमें पुलिस की खानापूरी करने की वजह 'नजीब' का पता नहीं चल पाया है। फिलहाल इन लोगों के परेशान परिजन उनको खुद ही ढूंढ़ने की जद्दोजहद कर रहे हैं। अब सवाल है कि कानपुर के इतने 'नजीब' कहां चले गए? आखिर पुलिस उनको क्यों नहीं ढूढ़ पा रही है। कानपुर जोन में पिछले दस महीने में 120 बच्चे और दो सौ से ज्यादा बालिग लापता हो चुके हैं।

ये तो चार साल से 'गायब'

पड़ताल के दौरान आई नेक्स्ट के हाथ लगे सबूत के मुताबिक कल्याणपुर के बरसाइतपुर में रहने वाले रोडवेज कर्मी राज बहादुर कश्यप का बेटा अभिषेक कश्यप (19) चार साल से गायब है। वो तीन भाई बहनों में दूसरे नम्बर का है। वो इंटर में पढ़ता था, जब वो लापता हुआ था। वो 15 सितंबर 2012 को मुंबई जाने का प्लान बनाकर दोस्त नवीन कुशवाहा के साथ घर से निकला था। वो मुंबई गणेश महोत्सव देखने जा रहा था। उसने रात को 8.30 और फिर 9.45 बजे पापा से फोन पर बात की। इसके बाद से उसका कुछ पता नहीं चला, उसके दोस्त तो अपने घर वापस आ गए, लेकिन वो अब तक घर नहीं लौटा।

'जीआरपी के पास जाओ'

राजबहादुर के मुताबिक उन्होंने थाने में शिकायत की तो तत्कालीन एसओ ने यह कहकर टहला दिया कि वो ट्रेन से गायब हुआ है। इसलिए जीआरपी के पास जाओ। वो जीआरपी गया तो जीआरपी ने उसे थाने भेज दिया। वो तीन महीने तक थाने और जीआरपी के चक्कर लगाता रहा। जब उसकी सुनवाई नहीं हुई तो उसने कोर्ट में गुहार लगाई। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज कर ली, लेकिन पुलिस ने उसको ढूंढ़ने में कोशिश नहीं की, जिसका प्रमाण है कि उसका अभी तक पता नहीं चला। यह केस क्राइम ब्रांच में गया, लेकिन क्राइम ब्रांच भी उसको ढूढ़ नहीं पाई। क्राइम ब्रांच ने शक के आधार पर उसके दोस्त को गिरफ्तार कर फाइल बंद कर दी, लेकिन उसका पता नहीं लगा पाई है।

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206 लोग गायब हो चुके हैं

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले दस महीने में शहर समेत कानपुर जोन से 123 बच्चे गायब हुए हैं, जिसमें 78 बच्चों को तो पुलिस ने बरामद कर लिया है, लेकिन 45 बच्चों का अभी तक पता नहीं चला है। जिसमें सबसे ज्यादा बच्चे कानपुर नगर से लापता हुए हैं। 18 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों की गुमशुदगी का आंकड़ा तो इससे भी ज्यादा खतरनाक है। पिछले दस महीने में कानपुर जोन से 206 लोग गायब हुए हैं।

60 फीसदी लड़कियां भी हुई लापता

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक शहर में लापता बच्चों से लेकर बालिग लोगों में ज्यादातर लड़कियां हैं। इससे साफ पता चलता है कि शहर समेत कानपुर जोन में लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। परिजन उनको ढूढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लग रहा है। परिजनों ने शहर के अलावा दूसरे जिलों के सेंट्रल स्टेशन, बस अड्डे समेत अन्य स्पॉट पर लापता बच्चों की फोटो समेत पोस्टर लगाए हैं। वे लगातर थाने समेत आला ऑफिसर्स की चौखट में चक्कर लगा रहे है, लेकिन अभी तक बच्चों का सुराग नहीं चला है। वहीं, पिछले दिनों सेंट्रल पर बच्चों और लड़कियों की तस्करी में पकड़े गए आरोपी ने बताया था कि वे लड़कियों को गायब करके दूसरे जिले में बेच देते हैं। जहां पर उनसे गलत काम करवाए जाते हैं। उसके मुताबिक दिल्ली, मुंबई समेत अन्य मेट्रो सिटी में लड़कियों की तस्करी होती है।

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लापता लोगों के मामलों को पुलिस गंभीरता से नहीं लेती है। अगर पुलिस गंभीरता से लोगों को खोजने के लिए प्रयास करेगी तो फिर ऐसा बहुत मुश्किल है कि वो खोज न पाए। ज्यादातर मामलों में पुलिस की लापरवाही सामने आती है ऐसे में पुलिस को संजीदा होना पड़ेगा।

-भानू प्रताप सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता

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लापता लोगों की तलाश के लिए स्पेशल सेल गठित किया जा चुका है। पुलिस इन मामलों को संजीदगी से ले ये सुनिश्चित किया जाएगा। लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-आकाश कुलहरि, एसएसपी, कानपुर नगर