संजय कहते हैं, “मेरी ज़िंदगी में इतनी मुश्किलें आई हैं – ड्रग्स , मेरी मां और फिर पहली पत्नी की मौत, जेल जाना- इन सब अनुभवों से एक फ़ायदा ये हुआ है कि मैं हर तरह का रोल कर सकता हूं। ” उन्होंने ये बात हाल ही में एक पत्रकार सम्मेलन में कही जहां उनसे पूछा गया था कि वो सभी तरह के रोल आसानी से कैसे कर लेते हैं।

संजय दत्त ये भी मानते हैं कि इंसान को कभी भी हिम्मत नहीं छोड़नी चाहिए और उसे भगवान और अपने परिवार में भरोसा रखना चाहिए। इतनी परेशानियों और मुश्किलों के बावजूद संजय दत्त को कोई शिकायत नहीं है। वो कहते हैं, “बॉलीवुड मे 31 साल के करियर में मुझे कोई शिकायत नहीं हैं। मेरी ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव रहे हैं और मैं हर मुश्किल से मुस्कुराते हुए उबरा हूं। मैं काम करता रहूंगा और लोगों का मनोरंजन करता रहूंगा.”

संजय ख़ुश हैं कि एक बार फिर से ऐक्शन फ़िल्मों का दौर लौट रहा है। उन्होंने कहा, “मैं ख़ुश हूं कि फिर से ऐक्शन का ट्रैंड आ गया है। मैं मूलत: ऐक्शन हीरो हूं और मेरी शुरुआत भी ऐक्शन से हुई थी। ऐक्शन हीरो का स्टारडम दूसरा होता है। वो ‘लार्जर- दैन-लाइफ़’ होता है। अगर आप दक्षिण भारतीय सिनेमा देखें, वहां रजनीकांत और सूर्या की पूजा होती है और वो सिर्फ़ उनकी ऐक्शन हीरो की छवि की वजह से है.”

संजय दत्त की आने वाली फ़िल्मों में ‘ज़िला ग़ाज़ियाबाद’, ‘अग्निपथ’ और कुछ और ऐक्शन फ़िल्में शामिल हैं। अब तक कैमरा के सामने ही नज़र आए संजय दत्त, हो सकता है, कि कुछ साल बाद कैमरा के पीछे नज़र आएं। संजय कहते हैं कि शायद पांच-छह साल बाद वो फ़िल्म डायरेक्ट करें और अगर वो ऐसा करेंगे तो उनकी फ़िल्म पूरी तरह से कमर्शियल फ़िल्म होगी।

जहां तक निजी ज़िंदगी की बात है तो संजय दत्त अपनी ख़ुशहाल ज़िंदगी का श्रेय अपनी पत्नी मान्यता को देते हैं। वो कहते हैं, “मैं बहुत ख़ुशकिस्मत हूं कि मान्यता मेरी पत्नी है। उन्होंने हमारे घर को मिला दिया, मेरी ज़िंदगी ‘सेटिल’ कर दी। पहले मैं ख़ानाबदोश था लेकिन अब पैकअप के बाद सीधे घर जाता हूं, बच्चों के साथ खेलता हूं, बस.” संजय दत्त की फ़िल्म 'चतुरसिंह टू स्टार' 19 अगस्त को रिलीज़ हो रही है।

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