-मेंटीनेंस के अभाव में उम्र से पहले ही जर्जर हुआ ओल्ड जाजमऊ गंगा ब्रिज, आईआईटी जाचंगी पुल की सेहत

- पिलर, बेयरिंग, ज्वाइंट आदि की जांच कर तीन माह में रिपोर्ट देगी, रिपोर्ट के आधार पर तय होगा पुल का भविष्य

KANPUR: मेंटीनेंस के अभाव में समय से पहले ही हैवीलोड व बिजी ट्रैफिक वाला जाजमऊ ओल्ड गंगा ब्रिज खस्ताहाल हो गया है। कई जगह दरारें पड़ गई हैं। हालात देखकर एनएचएआई ऑफिसर अलर्ट हो गए हैं। उन्होंने अनहोनी की आशंका की देखते हुए इसकी आईआईटी से जांच कराने के लिए एग्रीमेंट किया है। आईआईटी की टीम तीन महीने में ब्रिज को लेकर जांच रिपोर्ट देगी।

1975 में बना था

दरअसल वर्ष 1975 में बने जाजमऊ ओल्ड गंगा ब्रिज की कई बेय¨रग करीब दो साल पहले टूटी मिली थीं। हालांकि तब उन्हें बदल दिया गया था। बावजूद इसके एक साल बाद फिर से इस ब्रिज पर गढ्डे हो गए। तब भी मेंटीनेंस किया गया। हालांकि मेंटीनेंस काम चलाऊ ही था। शायद इसी वजह से फिर से ब्रिज खस्ताहाल हो गया।

हो गया खस्ताहाल

जानकारों का कहना है कि इस तरह के सीमेंटेड ब्रिज की उम्र 100 वर्ष की होती है। लेकिन इस ब्रिज पर ट्रैफिक लोड बहुत अधिक है। हर दिन हजारों की संख्या में लोडेड ट्रक और फोर व्हीलर्स गुजरते हैं। लेकिन नियमानुसार मेंटीनेंस न होने की वजह से ब्रिज जर्जर होता जा रहा है। एनएचएआई ऑफिसर्स के मुताबिक वर्ष 2009 में कम्प्लीट मेंटीनेंस किया गया। साल 2018 में मेंटीनेंस का कुछ काम किया गया था।

15 लाख भी दिए

एनएचएआई ने ब्रिज की लोडिंग कैपेसिटी, बार-बार गड्ढे होने के कारण, बेय¨रग आदि की जांच के लिए आईआईटी से एमओयू किया है। आईआईटी के प्रोफेसर एसआर चौधरी की टीम इस पुल की जांच करेगी। 15 लाख रुपये भी दे दिए गए हैं। आईआईटी की टीम तीन माह में अपनी रिपोर्ट एनएचएआई को देगी। ऑफिसर्स के मुताबिक ज्वाइंट,बेय¨रग, पिलर की स्थिति क्या है यह भी देखा जाएगा। आईआईटी की रिपोर्ट मिलने पर उसके बेस पर कम्प्लीट मेंटीनेंस वर्क कराया जाएगा। जिससे आगे समस्या न आए।