-शोर सुनकर कूदे गोताखोर ने एक को मुश्किल से बचाया, दूसरे की मौत

- तेज बहाव और मना करने के बावजूद गंगा में नहाने के लिए उतर गए दोनों

- मौत की खबर से घर पर मचा कोहराम, विनायपुर का रहने वाला था, तीन बहनों में था अकेला भाई

KANPUR: कानपुर का डेंजर प्वाइंट बन चुके गंगा बैराज पर रविवार को दोस्त अपनी ही नादानी से गंगा में डूब गए। एक युवक की जान चली गई, जबकि उसके दोस्त की जान जोखिम में पड़ गई। शोर शराबे को सुनकर गोताखोरों ने एक युवक को तो बचा लिया, लेकिन उसका दोस्त गहरे पानी में डूब गया। गोताखोर बमुश्किल उसकी लाश को बाहर निकाल पाए। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम भेजकर घरवालों को जानकारी दी तो घर में कोहराम मच गया। उसकी मां तो लाश को देखकर सदमे में चली गई।

ठेकेदार ने छुट्टी की तो घूमने पहुंच गए

कल्याणपुर के विनायकपुर में रहने वाला सूरज (17) हलवाई था। उसके परिवार में पिता छोटेलाल, मां रेखा और तीन बहनें नेहा, सुनीता व श्रेया है। सहालग खत्म होने से उसको कहीं काम नहीं मिल रहा था। इसलिए वो पड़ोसी अंकित के साथ मकड़ीखेड़ा में निर्माणाधीन मकान में काम कर रहा था। रविवार को वो अंकित के साथ काम पर निकला था लेकिन बिल्डिंग मैटीरियल न आने का हवाला देकर ठेकेदार ने उनको वापस भेज दिया। इसके बाद दोनों ने घूमने का प्लान बनाया और गंगा बैराज के पास स्थित कल्लूपुरवा पहुंच गए। घूमते-घूमते उनका नहाने का मूड बन गया।

एक घंटे बाद निकाल पाए शव

तेज बहाव और बाढ़ की स्थिति के बावजूद दोनों गंगा में उतर गए लेकिन तेज बहाव में खुद को संभाल नहीं सके। गहरे पानी में डूबने लगे तो बचाने के लिए शोर मचाया। गोताखोरों ने अंकित को तो सकुशल बाहर निकाल लाए, लेकिन सूरज को नहीं बचा पाए। वे करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद उसका शव निकाल पाए। पुलिस सूरज की जान बचाने की उम्मीद से उसे हैलट भी ले गई, लेकिन डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। इधर, घरवालों को उसकी मौत का पता चला तो घर में कोहराम मच गया। मां बेटी और रिश्तेदारों समेत हैलट पहुंच गए। जहां मां बेटे की लाश देख सदमे में चली गई।

ग्रामीणों ने रोका था

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सूरज और अंकित ने पहले पत्थर घाट जाने की कोशिश की थी। पुलिस वालों के खदेड़ने पर वे वहां से भागकर बैराज पार कर कल्लूपुरवा गांव के किनारे स्थित घाट पर पहुंच गए। वहां पर भी ग्रामीणों ने उनको नहाने से मना किया था, लेकिन वे उनकी नजर बचाकर गंगा में नहाने के लिए उतर गए थे।

कटान से धोखा गए और डूब गए

इन दिन गंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं। गंगा के तेज बहाव से कटान हो रही है। जिससे गंगा की गहराई का पता नहीं चलता है। गंगा के बहाव को समझने वाले गोताखोर भी इन दिनों गंगा में उतरने से डरते हैं।

अब किसे राखी बांधेंगे

सूरज तीन बहनों में अकेला भाई था। वो सबसे बड़ा था। वो बहनों से बहुत घुला-मिला था। वो उनकी हर मांग पूरी करने की कोशिश करता था। अगले महीने रक्षाबंधन है। इसी बीच सूरज की मौत होने से वे बदहवास हो गई हैं। वे भाई की लाश से चिपककर बोल रही थीं कि अब वे किसे राखी बांधेंगी।