कानपुर (ब्यूरो) उन्नाव निवासी 40 साल के रजनीश शुक्ला लिवर के मरीज हैं, वह मेडिसिन के वार्ड 11 में भर्ती हैं। उनकी देखभाल भतीजा शिवम शुक्ला जो सेना में जवान है, कर रहा है। अस्पताल से छुट्टी के लिए दो दिन से कह रहे हैं। शुक्रवार शाम साढ़े पांच बजे शिवम ड्यूटी पर मौजूद जेआर-वन डा। यासित के पास गए, जेआर टेबल पर हाथ रखे सो रहे थे। शिवम ने दो-तीन बार आवाज दी फिर उन्हें कसकर झकझोर दिया। इस पर जेआर भड़क गए और शिवम पर हाथ उठा दिया। शिवम डा। यासित से भिड़ गया। उनका सिर दीवार पर टकरा दिया, जिससे डा। यासित का सिर फूट गया।

सुरक्षा कर्मियों ने छुड़ाया
इस बीच, सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें छुड़ाया और गार्ड शिवम को पकड़ कर हैलट चौकी ले आए, जबकि जेआर को इलाज के लिए इमरजेंसी पहुंचाया। सूचना पर प्राचार्य प्रो। संजय काला, उप प्राचार्य प्रो। रिचा गिरि, प्रो। आरके मौर्या, प्रो। सौरभ अग्रवाल समेत सीनियर व जूनियर डाक्टर इमरजेंसी पहुंच गए। जेआर तीमारदार के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने को लेकर अड़ गए और काम रोक दिया। इस पर प्रमुख अधीक्षक प्रो। आरके मौर्या ने पुलिस को तहरीर दी है।
गलती मान कर माफी मांगी
पुलिस की हिरासत में सेना के जवान शिवम ने बताया कि पहले उन्होंने (जेआर) हाथ छोड़ा था। उसके बाद मारपीट हुई, फिर भी गलती मानते हुए उनसे माफी मांग ली है।

मरीज डा। ललित की यूनिट में भर्ती है। कई दिनों से छुट्टी के लिए कह रहा है, लेकिन उसकी स्थिति ठीक नहीं है। शुक्रवार शाम को इसको लेकर तीमारदार ने जेआर से मारपीट की है।
- प्रो। रिचा गिरि, उप प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज