गरिमा चौधरी के चयन पर उसके नौचंदी कैलाशपुरी स्थित घर पर खुशी का माहौल हैं। चयन होने पर उसके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। गरिमा के घर पर उसके माता-पिता काफी उत्साहित दिखे। उसकी बहन नोएडा में पढ़ रही है। गरिमा के माता-पिता और उनके घर आए रिश्तेदारों ने उसके चयन पर एक दूसरे को मिठाईयां खिलाकर जश्न मनाया।

Garima Choudhary with her mother


"अपनी बेटी के लिए जो सपना देखा था, वो आज पूरा हो गया है। अब बस मेडल और आ जाए तो खुशी दोगुनी हो जाएगी."-सतेश चौधरी, गरिमा की मां

Garima Choudhary with her mother and father

"बेटी ने शुरू से ही अपने आप को साबित करना जाना है। जिस भी प्रतियोगिता में वो जाती वहां से मेडल जीतकर ही लौटती थी। अब जब उसका चयन हो गया है तो एक पिता के लिए इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है, उम्मीद है वो जरूर मेडल जीतेगी."-राजेन्द्र सिंह, गरिमा के पिता



"मैंने जो सपना देखा था, आज मैं उससे एक कदम दूर खड़ी हूं। मैंने हमेशा से ही इस खेल में ओलंपिक मेडल की सोची थी। खुशी है मेरा चयन हो गया। अब बस मेडल और आ जाए तो सारी खुशियां मिल जाएंगी। मेडल के लिए मैं जान लड़ा दूंगी."-गरिमा चौधरी, अंतर्राष्ट्रीय जूडोका

"आज मेरा कोचिंग करने का फल मिल गया है। मैंने गरिमा को अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब समय है कि वो अपने आप को दुनिया के सामने साबित करे."-एसी सक्सेना, गरिमा के कोच

राज्यों में खेस पर राकनीति
यूपी के हिस्से में आंसुओं के सिवा कुछ नहीं मेरठ। ये हकीकत है कि अपने शहर की गरिमा चौधरी अगर ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करती है और मेडल लाने में कामयाब रहती है, तो यूपी के हिस्से में आंसुओं के सिवा कुछ हाथ नहीं लगेगा। दरअसल, उत्तर प्रदेश जूडो फेडरेशन में चली अंदरूनी राजनीति के चलते ही गरिमा ने उत्तर प्रदेश छोडक़र हरियाणा की ओर से खेलने का फैसला ले लिया।

अब गरिमा अपने नहीं बल्कि हरियाणा की खिलाड़ी है। दरअसल, कोलकाता में संपन्न हुई राष्ट्रीय जूडो चैंपियनशिप के लिए पहले फेडरेशन के सचिव मुनव्वर अंजार ने गरिमा को उसकी परीक्षा के चलते ट्रायल में नहीं आने का आश्वासन दिया था। लेकिन ट्रायल के एक दिन बाद मुनव्वर ने गरिमा को ट्रायल में आने का आदेश दिया। लेकिन अगले दिन परीक्षा के चलते वह नहीं आ पाई और उसकी जगह 63 किग्रा वर्ग में मेरठ की दूसरी खिलाड़ी का चयन कर लिया गया।

इससे गुस्साई गरिमा ने आखिरकार एनओसी लेकर हरियाणा से खेलने का फैसला कर लिया। अब अगर गरिमा मेडल जीतती है तो वो ऑफिशियली हरियाणा की जूडोका कहलाएगी।

अब तक की उड़ानGarima Choudhary achienements
- पाकिस्तान में 2011 में हुई साउथ एशियन जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल

- सिंगापुर में 2010 में हुई कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल

- मॉरिशियस में 2008 में हुई 12वीं जूनियर व सीनियर कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल

- काठमांडू में 2008 में हुई सीनियर साउथ एशियन जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल

- कोलंबो में 2006 में हुए 10वें साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल

- हैदराबाद में 2007 में हुई 8वीं एशियन जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल

- यमन में 2008 में हुई 9वीं एशियन जूडो चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल

- राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 10 गोल्ड सहित कई सिल्वर व ब्रांज मेडल

- 2008-2009 की बेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर