कानपुर(ब्यूरो)। जीएसवीएम के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में 20 जनवरी से सभी डिपार्टमेंट में इनडोर सेवा भी शुरू की जाएगी। इसके लिए रेट भी तय कर दिए गए हैं। कॉरपोरेट और निजी अस्पतालों की तुलना में यह चार्ज काफी कम होगा। शासन ने लखनऊ के केजीएमयू की दरों पर इलाज करने की परमीशन दे दी है। मेडिकल कालेजों और मेडिकल इंस्टीट्यूट्स से रेफर किए गए पेशेंट ही यहां लिए जाएंगे।

अब देरी क्यों कर रहे?
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने ऑनलाइन मीटिंग करते हुए 20 जनवरी से जीएसवीएम सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को चलाने के आदेश दिए हैं। उनका कहना है कि जब जरूरी मैनपावर मुहैया करा दिया गया तो अब संचालन में देरी क्यों की जा रही है। उन्होंने केजीएमयू की दरों पर इलाज शुरू करने का निर्देश दिया है। प्रिंसिपल डॉ। संजय काला ने बताया कि पहले चरण में पांच सुपर स्पेशियलिटी विभागों न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलाजी, गैस्ट्रोइंटोलाजी, यूरोलाजी और इंडोक्राइनोलाजी की ओपीडी और इनडोर सेवा शुरू होगी।

ओपीडी का 50, भर्ती के 250 रुपये
जीएसवीएम सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में ओपीडी में दिखाने के लिए 50 रुपये का कार्ड बनाया जाएगा। जो छह महीने के लिए वैलिड होगा। इनडोर में भर्ती करने के लिए 250 रुपये चार्ज लिया जाएगा। दवाओं और बेड आदि का खर्च अलग पड़ेगा। जांच के लिए भी भी चार्ज देना पड़ेगा। फिलहाल सीटी स्कैन जांच 500 रुपये से लेकर 1500 रुपये में होगी। एमआरआई तीन हजार रुपये से लेकर 4500 रुपये में होगा।

फस्र्ट फेज में 150 बेड पर इलाज
फस्र्ट फेज में जीएसवीएम सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के 150 बेड पर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जाएगा। प्रत्येक विभाग में 30-30 बेड होंगे। फिलहाल आईसीयू का संचालन नहीं किया जाएगा, क्योंकि एनेस्थिसिया और क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट नहीं हैं। नेफ्रोराली, पेन मैनेजमेंट और पीएमआर विभाग शुरू नहीं किए जाएंगे। इसके विशेषज्ञ नहीं हैं और न ही उपकरण आ सके हैं।

फार्मेसी खोलने को पॉलिसी
जीएसवीएम सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में क्वॉलिटीयुक्त दवाएं मुहैया कराने के लिए फार्मेसी खोलने को अलग से शासन के स्तर से नीति बनाई जाएगी। इसके लिए सभी पुराने छह मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञों से सुझाव मांगे गए हैं। उसके संचालन, रखरखाव और प्रबंधन की निर्णय लिया जाना है।


जीएसवीएम सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 20 जनवरी से इनडोर सेवा शुरू कर दी जाएगी। शासन के आदेशानुसार लखनऊ केजीएमयू की दरों के हिसाब से यहां भी इलाज किया जाएगा। मरीजों को ओपीडी रजिस्ट्रेशन, भर्ती और सभी प्रकार की जांच का चार्ज देना होगा।
प्रो। संजय काला, प्रिंसिपल, जीएसवीएम मेडिकल कालेज