दो लाख को रोजगार

लेदर इंडस्ट्री सिटी में इंप्लाईमेंंट का सबसे बड़ा सोर्स है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर दो लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है। हारनेस, सैडलरी, लैदर टेनिंग और लेदर प्रोडक्ट्स के तीन क्लस्टरों में हर साल लगभग 7,000 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। लेदर एक्सपोर्ट के मामले में भी सिटी पूरे देश में नंबर वन है। श्रम मंत्रालय की ओर से जारी किए गए तिमाही आंकड़ों में अक्टूबर से दिसंबर तक लेदर इंडस्ट्री में रोजगार के अवसर कम हुए है। मंत्रालय की रिपोर्ट के हिसाब से 2013 की दूसरी तिमाही में जहां लेदर इंडस्ट्री में 8,000 लोगों को रोजगार दिया। वहीं तीसरी तिमाही में यह बढ़ा भी लेकिन आखिरी तिमाही में यह आंकड़ा घट कर 5000 हजार ही रह गया।

सुविधाएं बहुत अच्छी

आईआईए के सचिव आलोक अग्रवाल बताते हैं कि सिटी में इंडस्ट्री के मामले में सुविधाएं बहुत अच्छी नहीं हैं। बिजली कटौती सबसे बड़ी समस्या है। वहंी लेदर इंडस्ट्री के मामले में स्थिति और भी खराब है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रशासनिक सख्ती के अलावा डॉलर और पाउंड की मजबूती के कारण लेदर का एक्सपोर्ट भी प्रभावित हुआ है।

सिटी में लेदर इंडस्ट्री की क्या है स्थिति

हारनेस एंड सैडलरी क्लस्टर

कुल यूनिटें -225

सालाना टर्नओवर - 500 करोड़

रोजगार से जुड़े लोग - 15,000

लेदर टेनिंग कलस्टर

कुल यूनिटें- 420

सलाना टर्नओवर- 5,000 करोड़ रुपए

रोजगार से जुड़े लोग- 86,000

लेदर प्रोडक्ट्स कलस्टर

कुल यूनिटें- 1,635

सलाना टर्नओवर-450 करोड़ रुपए  

रोजगार से जुड़े लोग- 1,00,000