- स्पेशल परपज व्हीकल में होंगे 10 मेंबर, शासन से मंजूरी मिलने के बाद केंद्र के पाले में

- मेट्रो प्रोजेक्ट पर अमल और संचालन कराएगी एसपीवी

KANPUR: कानपुर में मेट्रो दौड़ाने के लिए स्पेशल परपज व्हीकल(एसपीवी) गठित करने को शासन से मंजूरी मिल गई है। प्रमुख सचिव आवास ने यह प्रपोजल सेंट्रल गवर्नमेंट को भेज दिया है। जिससे कि एसपीवी में सेंट्रल गवर्नमेंट की भी भागीदार बनाया जा सके। सेंट्रल गवर्नमेंट के डिसीजन के बाद ही कानपुर मेट्रो की एसपीवी में सदस्यों की स्थिति क्लियर हो सकेगी। इसके साथ ही सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट के शेयर, फंड अादि पर भी फैसला होगा।

सेंट्रल व स्टेट के 10 मेंबर

केडीए अफसरों के मुताबिक लखनऊ मेट्रो के लिए गठित स्पेशल परपज व्हीकल में सेंट्रल गवर्नमेंट शामिल नहीं है। लखनऊ मेट्रो के 5000 शेयर में से 4910 शेयर अकेले स्टेट गवर्नमेंट के है। बाकी 10-10 शेयर एलडीए सहित अन्य डिपार्टमेंट के हैं। इन विभागों के प्रमुख सचिव लखनऊ मेट्रो की एसपीवी में है। लखनऊ की तर्ज पर कानपुर मेट्रो के लिए स्पेशल परपज व्हीकल गठित करने की कार्रवाई तेज हो गई है। एसपीवी के प्रपोजल को शासन से मंजूरी मिल गई है। प्रमुख सचिव आवास ने इसे सेंट्रल गवर्नमेंट को भेज दिया है। एसपीवी में 10 मेंबर होंगे।

50 फीसदी मांगी फाइनेंशियल हेल्प

लखनऊ की तुलना में कानपुर मेट्रो में खर्च भी अधिक आ रहा है। केडीए अफसरों के मुताबिक कानपुर मेट्रो के प्रोजेक्ट पर करीब 14 हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान है। शायद यही वजह है कि चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव ने कानपुर मेट्रो के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट से 50 परसेंट फाइनेंशियल हेल्प मांगी है। अगर सेंट्रल गवर्नमेंट इस पर तैयार हो जाती है तो एसपीवी में 5 मेंबर सेंट्रल गवर्नमेंट और 5 मेंबर स्टेट गवर्नमेंट के होंगे। अगर सेंट्रल गवर्नमेंट तैयार एसपीवी में शामिल नहीं होती है तो सभी 10 मेंबर स्टेट के होंगे। एसपीवी में सबसे अधिक शेयर स्टेट गवर्नमेंट का होगा। एसपीवी में चीफ सेक्रेटरी, प्रमुख सचिव फाइनेंस, लॉ, आवास, कमिश्नर, केडीए, नगर, यूपीएसआईडीसी के अलावा मेट्रो प्रोजेक्ट में सीएसए, पॉलीटेक्निक, आईआईपीआर सहित जिन विभागों की जमीन ली जा रही है, उनके प्रमुख सचिव को भी शामिल किया जा सकता है।