इस बीच अमरीका ने उस सैनिक की पहचान सार्वजनिक कर दी है। बताया गया है कि 38 वर्षीय उस सैनिक का नाम सार्जेंट रॉबर्ट बेल्ज है। सार्जेंट बेल्ज को कुवैत के रास्ते अमरीका ले जाया गया है जहां उन पर सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा। उस सैनिक को अमरीकी सेना के एक कैदखाने में रखा जाएगा। लेकिन अफगानिस्तान के सांसदों ने उस सैनिक के खिलाफ़ अफगानिस्तान में ही मुकदमा चलाए जाने की मांग की है।

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। स्थानीय लोगों ने राष्ट्रपति ने इंसाफ की अपील की। राष्ट्रपति करजई ने कहा कि स्थानीय लोग इस घटना के बारे में अलग-अलग बयान दे रहें हैं और उनलोगों के मुताबिक गोलीबारी करने में उस सैनिक के साथ कम से कम एक और आदमी शामिल था। लेकिन इस घटना पर अपनी कड़ी आपत्ति जताते हुए करजई ने कहा कि ऐसा बहुत समय से हो रहा है और अब हर लिहाज से हद हो चुकी है।

'सेना हटाएं'

राष्ट्रपति करजई ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ''इस घटना की जांच करने वाले सरकारी अधिकारी को अमरीका की तरफ़ से आशा के अनुरूप सहयोग नहीं मिल रहा है। नैटो सेना के हाथों नागरिकों की हत्या का सिलसिला बहुत समय से जारी है। अब तो हर तरह से हद हो गई है.''

बुधवार के दिन राष्ट्रपति करजई ने अमरीका से कहा था कि नागरिकों की हत्या के मामलात को रोकने के लिए जरूरी है कि ग्रामीण क्षेत्रों से अमरीका अपनी सेना हटा ले और वहां अफगान सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने दे।

नागरिकों की हत्या के बाद तालिबान ने भी अमरीका से बातचीत स्थगित करने की घोषणा की थी हालाकि उन्होंने अपने आधिकारिक बयान में इस घटना का नाम नहीं लिया था।

उधर सार्जेंट रॉबर्ट बेल्ज के वकील जॉन हेनरी ब्राउन का कहना है कि उनके मुवक्किल को इराक में तैनाती के दौरान मस्तिष्क में चोटें लगीं थीं और वो अपने अगली ड्यूटी पर भेजे जाने से खुश नहीं थे।

हेनरी ब्राउन ने ये भी कहा कि अफगान नागरिकों की हत्या से सिर्फ एक दिन पहले ही सार्जेंट बेल्ज के एक फौजी साथी का पैर धमाके में उड़ गया था और बेल्ज ने ये नजारा अपनी आंखों से देखा था।

पिछले रविवार को एक अमरीकी सैनिक के जरिए की गई गोलीबारी से महिलाओं और बच्चों समेत 16 अफगान नागरिकों की हत्या के बाद अफगानिस्तान और अमरीका के संबंधों में काफी कड़वाहट आ गई है।

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