कानपुर(ब्यूरो)। अब तक तीन बार तेंदुआ वनकर्मियों की आंखों के सामने से निकल चुका है, लेकिन वे ट्रैंकुलाइजर गन से उस पर निशाना भी नहीं साध पा रहे हैं। संडे को भी ऐसा ही हुआ। ओएफसी में मचान पर चढक़र निगरानी कर रहे एक कर्मचारी के सामने से तेंदुआ हवा के झोंके की तरह गुजरा और वह देखते रह गए। फिलहाल लगातार कांङ्क्षबग की जा रही है और जंगल के चारों और रहने वालों को अलर्ट किया गया है।

ट्रेनिंग भी नहीं आई काम
करीब २० दिन होने को हैं, लेकिन वन विभाग की टीम एक तेंदुए को नहीं पकड़ पा रही है। आगरा से रेस्क्यू टीम बुलाकर ट्रेनिंग भी दिलाई गई लेकिन कवायद फेल साबित हुई। तेंदुए को लालच देने के लिए ङ्क्षपजरे में मादा तेंदुए की तस्वीर लगाकर उसके जैसी आवाज भी कराई गई। आसपास मादा तेंदुए की यूरिन भी छिडक़ी गई, लेकिन तेंदुआ पिंजरें में नहीं फंसा।

जंगल काफी घना
डीएफओ ने बताया कि अर्मापुर में स्माल आम्र्स फैक्ट्री व ओएफसी का जंगल काफी घना है और नहर से मिला हुआ है। इसके चलते कांङ्क्षबग के बावजूद तेंदुए की सही लोकेशन नहीं मिल पा रही है। उसे पकडऩे के लिए प्रयास जारी है। अब तक वह तीन बार दिखाई दिया है, लेकिन दिन में दुबक जाता है। तेंदुए ने भूख मिटाने के लिए इस बार एक कुत्ते का शिकार किया है। उसके अवशेष अर्मापुर नहर के किनारे झाडिय़ों के बीच मिले हैं।