व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा है कि राष्ट्रपति ओबामा ने रविवार को पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी को फोन किया और सैनिकों की मौत को ‘एक दुर्घटना और अफसोसजनक’ बताया।

उल्लेखनीय है कि 26 नवंर को नैटो के एक हमले में पाकिस्तान के 24 सैनिक मारे गए थे जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई थी। इसी घटना के कारण पाकिस्तान ने बॉन में हो रहे अफ़गानिस्तान सम्मेलन का बहिष्कार करने का भी फैसला किया है।

ओबामा की टिप्पणी पाकिस्तान से औपचारिक माफ़ी तो नहीं है लेकिन माना जाता है कि दोनों देशों के रिश्तों को पटरी पर लाने की दिशा में क़दम उठाते हुए ओबामा ने ज़रदारी को फोन किया है।

इस बयान में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रपति ओबामा ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति ज़रदारी को फोन किया और निजी तौर पर 24 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत पर संवेदना प्रकट की है। ’’

बयान के अनुसार, ‘‘ राष्ट्रपति ने साफ़ किया कि ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए थी और ये जानबूझकर किया गया हमला नहीं है। उन्होंने ज़ोर दिया कि अमरीका इस बात की पूरी जांच कराएगा.’’

पूर्व में अमरीका ने पाकिस्तान की सीमा में कार्रवाई करते हुए अल क़ायदा नेता ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था जिसके बाद हुई नैटो हमले की घटना ने दोनों देशों के रिश्ते काफ़ी ख़राब कर दिए हैं।

ओबामा ने अफ़गानिस्तान सम्मेलन की पूर्व संध्या पर ज़रदारी को फोन किया है। इससे पहले शनिवार को विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी से बात की थी और सैनिकों की मौत पर संवेदना प्रकट की थी। इस बीच अमरीका ने पाकिस्तान का शम्सी एयरबेस खाली करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है।

नैटो हमले के बाद पाकिस्तान ने अमरीका को 11 दिसंबर तक शम्सी एयरबेस खाली करने का अल्टीमेटम दिया था। अमरीका इस तय समय से पहले की एयर बेस खाली कर रहा है।

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