एक्सक्लूसिव

-जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में दवाओं के ई टेंडर में 1378 दवाओं के साथ पहुंचीं कंपनिया, अप्रूवल भी मिला

-बीते सालों की अपेक्षा इस बार शासन से मिला भरपूर फंड, ई टेंडर और जेम पोर्टल के माध्यम से होगी खरीददारी

KANPUR: मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में आने वाले लाखों मरीजों के लिए सेहत के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें महंगी दवाएं बाहर से नहीं खरीदनी पड़ेंगी। पहली बार दवाओं की खरीद के लिए हुई ई-टेंडर की प्रक्रिया में 42 कंपनियां अपनी 1300 से ज्यादा दवाओं के साथ पहुंची। जिन्हें अप्रूवल भी मिल गया है। मौजूदा समय में हैलट में 200 तरह की दवाएं इनडोर व आउटडोर मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। अस्पताल में मरीजों को ज्यादा से ज्यादा दवाएं मिलें इसके लिए और नई दवाओं की खरीद प्रक्रिया शुरू की गई है।

हर विभाग से मांगी गई सूची

हैलट व संबद्ध अस्पतालों में दवाओं के मद में बीते सालों की अपेक्षा इस बार ज्यादा बजट मिला है। मुरारीलाल चेस्ट हॉस्पिटल की ही बात करें तो अभी तक दवाओं का सालाना बजट 63 लाख होता था, लेकिन इस साल 1.16 करोड़ मिले हैं। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने भी मरीजों के लिए उपलब्ध दवाओं की संख्या बढ़ाने के आदेश दिए हैं। जिसके तहत 200 तरह की दवाएं और खरीदी जानी हैं। इसके लिए हर क्लीनिकल डिपार्टमेंट से उनके यहां मरीजों के इलाज में लगने वाली जरूरी दवाओं की सूची मांगी गई है। कई विभागों के सूची देने के बाद उनकी खरीद की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

6 दवा काउंटरों से वितरण

नई दवाएं बढ़ने के बाद मरीजों को उनके वितरण की व्यवस्था को और पारदर्शी व इफेक्टिव बनाने के प्रयास शुरू हुए हैं। इसमें इनडोर दवा काउंटर के साथ ही इमरजेंसी में दवा काउंटर खोला गया है। जिसमें मरीजों के लिए वीगो, सिरिंज से लेकर यूरो बैग व इमरजेंसी दवाएं उपलब्ध हैं। वहीं वार्डो में भर्ती मरीजों के लिए दोपहर 2 से रात 10 बजे तक के लिए एक अलग काउंटर खोला गया है। हैलट में ही अभी कुल 6 दवा काउंटरों से दवाओं का वितरण हो रहा है। इसमें ओपीडी में पीडियाट्रिक विभाग, न्यूरोलॉजी विभाग, मानसिक व चर्म रोग विभाग की दवाओं के लिए अलग अलग काउंटर हैं। इसके साथ ही ओपीडी के बाहर बनने वाली रजिस्ट्रेशन बिल्डिंग में ही 6 दवा काउंटर खोलने का प्रस्ताव है। इनमें मरीजों को दवाओं का वितरण कंप्यूटराइज्ड तरीके से किया जाएगा। मरीज को दवा मिलने के बाद फार्मासिस्ट को उसका रिकॉर्ड भी रखना होगा।

ये मेडिसिंस मिलेंगी निशुल्क

एंटी बायोटिक दवाएं, एंटी डायबिटीज डायबिटीज, एंटी एलर्जिक, कार्डियोवेस्कुलर ड्रग,आईड्रॉप,एंटी मलेरियल, आयरन, कैल्शियम, विटामिन, दर्द नाशक जेल, बीटाडिन टयूब, एंटी एलर्जिक टयूब, नाक में डालने वाले नेजल ड्रॉप, न्यूरोलॉजी से जुड़ी दवाएं, बच्चों को दिए जाने वाले सीरप, जरूरी इंजेक्शन, ड्रिप,एंटी स्नेक वेनम ड्रग इत्यादि।

2017-18 में हैलट व संबद्ध अस्पतालों में मरीजों की संख्या

ओपीडी- 10.38 लाख

इनडोर- 56 हजार

(जनवरी17 से दिसंबर 17 तक)

दवाओं का बजट- 25 करोड़

2015-16 में मरीजों की संख्या

ेपीडी-8.4 लाख

इनडोर-45.8 हजार

दवाआें का बजट- 7.37 करोड़

वर्जन-

शासन की तरफ से दवाओं के लिए इस बार काफी बजट मिला है। इसका फायदा मरीजों को हो, इसके नई दवाओं की खरीददारी की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके अलावा दवा वितरण को भी और पारदर्शी बनाया जा रहा है। हैलट हॉस्पिटल आने वाले पेशेंट्स को अब अब आसानी से सब दवाएं मिलेंगी।

- प्रो.आरसी गुप्ता, एसआईसी, एलएलआर हॉस्पिटल