बेबाकी से दिए जवाब
कानपुर पुलिस ने फेसबुक वॉल पर पब्लिक से अपील की है कि वो टीवी देखकर पुलिस की छवि न बनाए। लेकिन शायद ये अपील करने से पहले ये भूल गई कि छवि एक दिन में नहीं बनती। जो खाकी थाने-चौकी और सडक़ों पर करती है वो देखकर ही पब्लिक छवि बनाती है। पुलिस की अपील का जवाब कानपुराइट्स ने खुद ही दे दिया। आइए आपको बताते हैं कि लोगों का सिटी पुलिस के बारे में क्या कहना है। हां, ये नहीं कहा जा सकता कि पब्लिक ने ये जवाब टीवी देखकर दिए या बिना देखे। उम्मीद है कि पुलिस पब्लिक के रिएक्शंस पर गौर कर रही होगी और अपनी छवि सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाएगी।

Police says
कानपुर पुलिस: कानपुर नगर के नागरिकों से यह अपील है कि टेलीविजन देखकर न निर्धारित करें पुलिस की छवि !
ज्ञानेंद्र शुक्ला: मेरी एक बार नागरिकों से अपील है कि एक बार थाने में आकर असलियत का अंदाजा खुद ही लगा लें।
स्वराज भट्ट: कल की घटना(सोनम रेप एंड मर्डर) से क्या विचार किया जाए आपकी छवि का।

Public comments

नितिन राठी: Police is for crime-less , fearless & flawless society। its for providing justice & security amongst people। very true we can't judge character of entire police.but can surely say about Kanpur policingfull of bribery, corruption, attitudinal problems, non working। one do not have need to watch TV, Radio, Newspaper to know about Kanpur policing.just meet 1 or 2 top police officials in Kanpur the whole story will be in-front of eyes or just visit 2-3 PS in Kanpur.the body language & communication of SHO's will itself show the face of Kanpur policing.,,,,,,,,as its said ghar ke badon se hi ghar ke chote logon ke acharan ka andazan lagaya ja sakta hei waise hiaap samajdar hei.what to say?
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प्रकाश नारायण मिश्रा: जिस दिन पुलिस में सुधार हो जाएगा, उस दिन समाज अपने आप सुधर जाएगा। समय बदल रहा है आप लोग भी बदल जाइए।
जितेंद्र सिंह: पुलिस जब पुलिस की दोस्त नहीं है तो जनता की दोस्त कैसे बन जाएगीजब डिपार्टमेंट वाले आपस में ही गंदा काम करते हैं तो बाहर का  आप सोच सकते हैं। एसएसपी तो बहुत अच्छे हैं लेकिन जब तक टीम अच्छी न हो तब तक कैप्टन अकेला क्या कर सकता है।
विष्णु योगी: if knp police work we‘ll support and aprciatebut knp plce is top in bribery.espcly traffic cop।
शादाब सिद्दीकी: कहीं कत्ल हो चुका होताकहीं रेपइसके बाद पुलिस एक्टिव होती है। पुलिस का काम अपराध होने के बाद नहीं शुरू होतापुलिस का काम अपराध को पनपने भी नहीं देना होता है।
अनुपम जायसवाल: सच में टेलीविजन देखकर पुलिस की छवि जज नहीं कर सकतेरियल लाइफ में झेल कर तो कर सकते हैंजरा बताएंगे कि पासपोर्ट बनवाने के लिए कितने रुपए लेती है पुलिसया बिना पैसे लिए कोई पासपोर्ट बनता होसच बा ये है कि छवि टीवी देखकर नहीं बल्कि अपने कर्मों से बनती है।
अंटुश शुक्ला: जिस दिन गाली देना त्याग देगी उसी दिन पब्लिक उसे गाली देना बंद कर देगीक्योंकि जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल मिलेगा।
शिवम विश्नोई: अगर कोई पुलिस अधिकारी ये पोस्ट पढ़ता है तो मैं बताना चाहता हूं कि गोविंदपुरी ब्रिज पर सुबह होने वाले वन-वे का आजकल फॉलो नहीं हो रहा हैबहुत प्रॉब्लम होती हैजिम्मेदार अधिकारी कहां होते हैं सरजवाब दें।
वैभव: टीवी पर भरोसा न करेंअखबार पर न करेंतो आप बताएं कि आपकी छवि के लिए किस पर भरोसा करें। और दूसरी बातआपको बुरी लगे तो लगनी भी चाहिएलेकिन शहवासियों के साथ आ लोगों की जुबान बड़ी गंदी हैजरा सी बात पर गालियां बकते हैं और वर्दी का रौब दिखाते हैंऔर ये बात मैंने खुद झेली है न कि टीवी देखकर।
विष्ण कुमार सोनी: सबै जानत हैं कईस है कानुपर पुलिसतबै तो थाने जावैं मा डरात हैं लोग।
जुहैब अहमद: आप लोग खुद जानते हैं अपने बारे मेंबात करते हैं छवि की।
रचना सविता:  सही कहा टीवी देखने की जरूरत ही क्या हैपुलिस खुद ही अपनी छवि समय-समय पर दिखाती रहती है।
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कानपुर पुलिस: हर अपराध से निपटने में सक्षम है पुलिस

Public comments

हिमांशु निगम: Let actions speak not words
प्रियांक अवस्थी: कानपुर डीम की गाड़ी को तो बचा नहीं पाते हैं, अपराध से क्या निपटेंगे।
आरके रिखारा: तो अपराध होते ही क्यों हैं? आप अपराध होने के बाद सक्रिय होते हैं, पहले सक्रिय हों तब अपराध रुकेगा।
सौरभ कटियार: वो तो पता है कितनी सक्षम हैपर्स टेम्पो वाले ने उड़ायारिपोर्ट लिखाने गए तो कहते हैं कि ये लिखो कहीं गिर गया हैतब लिखेंगे।
गौरव त्रिपाठी: पुलिस की कोई गलती नहीं है। 1000 लोगों के बीच 2 जवान ड्यूटी देते हैंकैसे कह सकते हैं कि सक्षम हैं।
दीपक श्रीवास्तव: पर अतिक्रमण से नहींमजाक लगता है आपका दावा।
इंतजार हुसैन: क्या जोक है
ईशान श्रीवास्तव: मजाक मत करो
हीरा सिंह: Singh If u have money and source then Kanpur Police is looking so gentle with u, and he will do anything for u।
दिव्यांश सिंह: तभी फर्जी मुल्जिमों को जेल भेजती है।
रचना सविता: अरे कोई तो रोको मेरी हंसी को
ज्ञानेंद्र शुक्ला: अपराध क्या हर चीज से निपटने में सक्षम होती है पुलिस।
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कानपुर पुलिस: किसी भी अपराध व यातायात नियमों का उल्लंघन या किसी भी अन्य प्रकार के अपराध को होते देंखे तो तुरंत अपने मोबाइल से उस घटना का वीडियो बनाए और पुलिस की वॉल पर पोस्ट करें। ध्यान रहे कि अपलोड किए गए वीडियो में पर्याप्त साक्ष्य जैसे गाड़ी का नंबर या घटना का स्थान, नाम स्पष्ट हो जिससे अपराधी को पकडक़र कानूनी कार्यवाही की जा सके।

Public comments

पुखराज पांडेय: रिकॉर्डिंग किस से करें मोबाइल मेरा चोरी हो गया और जब चोरी की रिपोर्ट लिखाने थाने गया तो बोले चोरी की रिपोर्ट नहीं लिखी जाएगी। ये लिखकर दो कि मोबाइल कहीं गिर गयाजनता किसका सहयोग करे जब जनता का कोई नहीं करता।
सुशील जैन: पुलिसवालों का आचरण सुधारने के लिए भी कुछ करिए।
रिकी दीक्षित: जब मेरा पर्स चोरी हुआ था। रिपोर्ट लिखाने गया तो कहा 100 रुपए लगेंगे तभी मोहर लगेगी। जब पर्स ही चोरी हो गया तो क्या मैं पैसे चोरी कर के लाउं। अगर इसका जवाब दे सकें तो ये पेज चलाओ वरना आप लोग ऐसे ही ठीक हो।
जतिन सिंह: अधिकांश अपराध जनता के बीच में होते हैं और जनता के सहयोग से पर्याप्त सबूत के साथ कार्रवाई करना आसान होगा।