केएस सुदर्शन एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर गए थे जहां उनका देहावसान हो गया। रायपुर से बीबीसी संवाददाता सलमान रावी का कहना है कि शनिवार सुबह उनकी तबियत अचानक से ख़राब हो गई जिसके बाद उनकी मौत हो गई।

उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए नागपुर ले जाया जा रहा है। साल 1931 में जन्मे केएस सुदर्शन साल 2000 से लेकर 2009 तक संघ के प्रमुख रहे।

हालांकि उनके कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में थी लेकिन उनके संबंध तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और उनकी सरकार से बहुत बेहतर नहीं रहे।

वो सरकार की आर्थिक नीतियों के विरोधी थे। साथ ही उन्होंने एक बार ये सुझाव भी दे डाला था कि वाजपेयी ओर लाल कृष्ण आडवाणी को अब कम उम्र के लोगों को पार्टी की कमान सौंपनी चाहिए। सोनिया गांधी पर विपरीत टिप्पणियां करने को लेकर भी सुदर्शन खासे विवाद में रहे थे।

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