- टेक्निकल इंस्टीट्यूट के डीफ एंड डंब स्टूडेंट्स भी अब आसानी से कर सकेंगे स्टडी

- डॉ। अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने सॉफ्टवेयर व टूल बनाने की योजना तैयार की

KANPUR: डीफ एंड डंब स्टूडेंट्स नई तकनीक का यूज कर आसानी से स्टडी कर सकेंगे। दरअसल, इंजीनियरिंग कर रहे ऐसे स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए साफ्टवेयर और टूल के माध्यम से साइन लैंग्वेज के जरिए पढ़ाया जा सकेगा। कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉक्सि, इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी, केमिकल और बायो टेक्नोलॉजी ब्रांच के अलावा डिप्लोमा इंजीनिय¨रग के स्टूडेंट्स के लिए डॉ। अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी साइन लैंग्वेज को आसान बनाने के लिए सॉफ्टवेयर व टूल बनाने की योजना बनाई है। सेशन 2021 में इस योजना को अमली जामा पहनाया जाएगा। वर्तमान में यहां बीटेक में 1200 व डिप्लोमा इंजीनिय¨रग में सवा दो सौ छात्र हैं। इनमें करीब 40 स्टूडेंट डीफ एंड डंब हैं।

सामान्य स्टूडेंट्स की तरह पढ़ सकेंगे

अटल रिसर्च सेंटर में यह चीजें स्थापित होंगी। इनके जरिए डीफ एंड डंब स्टूडेंट अपने कोर्स की स्टडी करने के साथ इन टूल के माध्यम से आसानी के साथ सामान्य छात्रों की तरह प्रैक्टिकल भी कर सकेंगे। इंस्टीट्यूट में अटल रिसर्च सेंटर की स्थापना सवा करोड़ रुपए में हो रही है। यह रकम दीनदयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार योजना प्रोग्राम के अंतर्गत डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक यूनिवर्सिटी के जरिए दिया गयाहै।

वरिष्ठ प्रोफेसरों की टीम बनी

अब इसी सेंटर में साइन लैंग्वेज को लेकर सॉफ्टवेयर डेवलप किया जाएगा। इसके लिए वरिष्ठ प्रोफेसरों की टीम बनाई जा रही है जो अपने सुझाव देगी। यह शहर के एक मात्र ऐसा तकनीकी कॉलेज हैं जहां दिव्यांगों को एडमिशन में प्रीयॉरिटी मिलती है। यहां पर ऐसे छात्रों के लिए ट्राई साइकिल व नेत्र दिव्यांगों के लिए पढ़ने के कई उपकरण बनाए गए हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से बनेगा एप

एआईटीएच की डायरेक्टर प्रो। रचना अस्थाना ने बताया कि डीफ एंड डंब स्टूडेंट्स के लिए टीचर्स की उपलब्धता कई बार मुश्किल हो जाती है। सीएस, आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स समेत इंजीनिय¨रग की विभिन्न ब्रांच में पढ़ाने वाले टीचर उन्हें तकनीक, फार्मूले, परिभाषा व सवाल समझा सकते हैं लेकिन इन क्वैश्चन को ऐसे स्टूडेंट्स के जेहन में उतारने का काम स्पेशल टीचर करते हैं। कई बार हर समय ऐसे शिक्षक उपलब्ध नहीं होते। ऐसे में संस्थान अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से ऐसे एप डेवलप करेगा जिससे स्टूडेंट जब चाहें बिना स्पेशल टीचर्स के पढ़ सकेंगे।

एआईटीएच के डेटा पर नजर

- 1.25 करोड़ रुपए में बन रहा है अटल शोध सेंटर इंस्टीट्यूट में

- 40 डीफ एंड डंब स्टूडेंट्स स्टडी कर रहे हैं एआईटीएच

-1200 बीटेक में और डिप्लोमा इंजीनिय¨रग में सवा दो सौ स्टूडेंट हैं

- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एप में किसी भी प्रकार के कंटेंट फीड किए जा सकेंगे। - अटल रिसर्च सेंटर में ऐसे एप तैयार किए जाएंगे