- यूपीटीटीआई में स्टूडेंट्स को नेचुरल फाइबर से धागा बनाना सिखाया जाएगा

- एकेडमिक और लैब स्टडी के लिए स्टूडेंट्स को कोलकाता भेजा जाएगा

KANPUR: शहर का प्रॉमिनेंट इंस्टीट्यूट यूपीटीटीआई अपने स्टूडेंट्स को ज्यादा से ज्यादा स्किल्ड बनाने के लिए तर-तरह से प्रयास कर रहा है। अब उन्हें नेचुरल फाइबर से धागा बनाना सिखाया जाएगा। इसके बाद वह गर्मी में ठंडक और सर्दी में गर्मी का अहसास कराने वाले कपड़े बना सकेंगे। एकेडमिक और लैब स्टडी के लिए स्टूडेंट्स को कोलकाता स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरल फाइबर इंजीनिय¨रग एंड टेक्नोलॉजी भेजा जाएगा।

जुलाई से नया सेशन

जुलाई से उत्तर प्रदेश वस्त्र एवं प्रौद्योगिकी संस्थान 'यूपीटीटीआई' के शुरू होने वाले नए सेशन से बीटेक स्टूडेंट्स को ईको फ्रेंडली धागे व कपड़े बनाने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। नेचुरल फाइबर निकालने के साथ उसके एप्लीकेशन सिखाए जाएंगे। यूपीटीटीआई ने इसके लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरल फाइबर इंजीनिय¨रग एंड टेक्नोलॉजी 'एनआइएनएफईटी' कोलकाता के साथ करार किया है।

एनआईएनएफईटी में क्या होता है?

- एनआईएनएफईटी में जूट, लेनिन, ढेंचा, सीसल व रैमी समेत अन्य पौधों से फाइबर निकालने पर रिसर्च वर्क होता है।

- किसी पेड़ के तने, किसी की पत्ती और किसी के फल से फाइबर मिलता है। स्टूडेंट्स इन फाइबर से धागा निकालने का हुनर सीखेंगे।

-जूट से पहले ज्यादातर बोरे बना करते थे, अब इससे इस प्रकार धागों को निकाला जाता है कि वह ऊन का काम करते हैं।

-लेनिन के धागे से बनने वाले कपड़े आरामदायक होते हैं। ढेंचा, सीसल व रैमी से निकलने वाले फाइबर का यूज इंडस्ट्री में होता है।

- इससे रस्सियां बनाई जाती हैं। इस करार के तहत छह प्रोफेसरों को हाल ही में कोलकाता प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था।

- बीटेक व एमटेक के स्टूडेंट्स की एक टीम वहां भेजे जाने की योजना है।

देशभर में हाे रहा काम

बीटेक छात्रों के लिए जूट, लेनिन, ढेंचा, सीसल व रैमी से धागा निकालने की विधि सीखना बिल्कुल नया होगा। इन चीजों से प्रोडक्ट के लिए धागा निकालने की मशीनें एनआईएनएफईटी कोलकाता में हैं। अभी ज्यादातर रिसर्च आर्टिफिशियल फाइबर पर किया जा रहा था। नेचुरल फाइबर से ऐसे कपड़े तैयार किए जाने के बारे में छात्र सीख सकेंगे जो समय की मांग बन चुके हैं। स्टूडेंट्स को कोलकाता में ऐसे फाइबर को निकालने व उससे प्रोडक्ट बनाने को लेकर लाइव प्रेक्टिकल करने का मौका मिलेगा।

एकेडमिक और लैब स्टडी के लिए स्टूडेंट्स को कोलकाता स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरल फाइबर इंजीनिय¨रग एंड टेक्नोलॉजी भेजा जाएगा।

प्रो। मुकेश कुमार सिंह, यूपीटीटीआई निदेशक