-कानपुर के रहने वाले अनंत कुमार मिश्रा ने छात्र राजनीति से की थी शुरुआत, भाजपा, सपा, कांग्रेस में भी रहे

-करीबी रिश्तेदार की कृपा से बने कैबिनेट मंत्री, एनआरएचएम घोटोले में नाम आने के बाद घर पर कई बार पहुंच चुकी है सीबीआई

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यन्हृक्कक्त्र : एनआरएचएम घोटाले में फंसे प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनन्त मिश्रा 'अंटू' का विवादों से पुराना नाता है। सीबीआई ने फ्राइडे को नई दिल्ली समेत अनंत कुमार के कई ठिकानों पर छापे मारे। देर रात को उनको अरेस्ट करने की अटकलें लगाई जाती रहीं, लेकिन किसी ने पुष्टि नहीं की। आइए हम बताते हैं जिसके पीछे सीबीआई है वो अनंत से अंटू कैसे बन गया? छात्रसंघ से राजनीति की शुरुआत करने वाले अनन्त दो दशक में 'अंटू' बन गए।

विवादों से पुराना नाता

छात्र नेतागिरी के दौरान उन पर एडमीशन को लेकर आरोप लगते रहे और जब वे राजनीति में आए तो उनकी छवि दलबदलू नेता की बन गई। मंत्री बनने से पूर्व उनकी असलहे की दुकान थी, लेकिन उसमें भी पुलिस की छापेमारी से वो मीडिया की सुर्खियों में आ गए थे। मंत्री रहने के दौरान भी उन पर कई आरोप लगे थे। जिसमें वकील के सुसाइड करने का मामला शहर की मीडिया की सुर्खियों में रहा था। इसी दौरान एक रेस्टोरेंट के बाहर चली गोली के मामले में उनके बेटे का भी नाम सामने आया था। इन मामलो को तो उन्होंने अपने रसूख से दबा दिया था, लेकिन अब वे खुद भ्रष्टाचार के मामले में फंस गए और अनंत कुमार मिश्र से 'अंटू' बन गए।

मिडिल क्लास फैमिली से बन गए करोड़पति

अंटू मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता दिनेश मेडिकल कम्पनी में अफसर थे। अंटू की शुरुआती पढ़ाई जयपुरिया स्कूल में हुई थी। इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई क्राइस्ट चर्च कॉलेज से की। यहीं से उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई थी। उन्होंने क्राइस्ट चर्च से अध्यक्ष का चुनाव जीता था। उनकी पत्नी शिखा मुंबई से हैं। उनके बेटा अन्नी और एक बेटी है। अंटू के मामा राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा हैं। सबको मालूम है कि मामा की ही कृपा से अंटू चुनाव हारने के बाद भी बसपा सरकार में कैबिनेट स्वास्थ्य मंत्री बने थे।

कांवेंट से डिग्री कॉलेज तक दखल

अंटू की कांवेंट स्कूल से लेकर डिग्री कालेज में दखलंदाजी रहती थी। एक छात्रनेता के मुताबिक मंत्री बनने से पूर्व अंटू की कैंट स्थित दो कांवेंट स्कूल में तगड़ी पैठ थी। जानकार लोगों के मुताबिक इन दोनों कांवेंट स्कूलों में बच्चों का एडमीशन कराने के लिए पेरेंट्स अंटू की जी-हुजूरी करते थे। इसके अलावा उनकी क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज में तगड़ी पैठ थी। जहां एडमिशन कराने के लिए छात्रनेता अंटू के आगे-पीछे घूमते थे।

चारों प्रमुख दलों में तगड़ी पैठ

सीबीआई के शिकंजे में आए अंटू मिश्रा इन दिनों तो बसपा में हैं, लेकिन उनकी कांग्रेस, सपा और भाजपा में भी तगड़ी पैठ है। उन्होंने क्राइस्ट चर्च कॉलेज से अध्यक्ष पद का चुनाव जीतकर राजनीति में कदम रखा था। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस से पालिटिकल करियर शुरू किया, लेकिन उन्हें ज्यादा दिन तक कांग्रेस रास नहीं आई और उन्होंने सपा का दामन थाम लिया। कुछ दिनों में उन्होंने सपा में भी तगड़ी पैठ बना ली, लेकिन जब उन्हें लगा कि प्रदेश में भाजपा की सत्ता आ सकती है तो अंटू ने सपा छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली। उन्होंने भाजपा से ही विधायक का चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें जीत नसीब नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने भाजपा को भी बाय-बाय कर बसपा ज्वाइन कर ली। बसपा में उनकी इतनी तगड़ी पैठ थी कि उनको चुनाव हारने के बाद भी पहली कैबिनेट में मंत्री बनाया गया।