वीरभद्र सिंह ने ट्यूजडे को प्राइम मिनिस्टर मनमोहन सिंह को अपना रेजिग्नेशन सौंपा, जिसे एक्सेप्ट कर लिया गया। इससे पहले उन्होंने कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी। रिजाइन करने के बाद वीरभद्र ने कहा,

"मैंने प्राइम मिनिस्टोर को अपना रेजिग्नेशन दे दिया है और अब ग्राउंड लेबल पर अपने केस के लिए पब्लिक के बीच और कोर्ट में अपना केस डिफेंड करुंगा। वीरभद्र ने कहा कि वह अप कमिंग असेंबली इलेक्शन में अपनी पार्टी को

स्ट्रांग बनाने के लिए अपने होम स्टेट हिमाचल प्रदेश लौट जाएंगे।

 

वीरभद्र सिंह को कांफीडेंस हैं कि वह इस मामले से क्लीन सर्टिफिकेट लेकर बाहर आ जाऐंगे। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी वे ऐसे चार्जेज को फेस कर चुके हैं और उनकी इनोसेंस प्रूव भी हुई थी।

 

उन पर शिमला की एक कोर्ट ने वाइफ प्रतिभा सिंह के साथ करप्श्न का चार्ज डिसाइड किया है। शिमला के स्पेशल विजिलेंस जज बीएल सोनी ने वीरभ्रद सिंह पर जिस मामले में चार्जेज डिसाइड किए हैं वह केस 24 साल पुराना है।

उन पर साल 1989 में चीफ मिनिस्टर रहते हुए बिजनेस मैंस से ब्राइब एक्सेप्ट करने के चार्ज हैं। इस केस में 2010 में उन पर और उनकी वाइफ पर चार्जशीट फाइल की गयी थी.  बीजेपी ने कोर्ट में चार्जेज से डिसाइड होने के बाद वीरभद्र सिंह से रेजिग्नेशन की डिमांड की थी. 

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