यानी धोनी ने वीरेंदर सहवाग और ज़हीर खान जैसे दिग्गजों को उनकी 'सहमति' से ये मैच न खेलने के लिए राज़ी कर लिया था । साथ ही आर अश्विन और बालाजी को भी इस मैच में बाहर बैठना पड़ा था और इनकी जगह पर डिंडा और पीयूष चावला को जगह मिली थी।

कहानी यहीं से शुरू होती है। भारतीय कप्तान ने जिन नए खिलाड़ियों को टीम में चुना था उनमे से डिंडा को छोड़ कर लगभग सभी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। हरभजन ने तो चार विकेट झटके और पीयूष चावला और पठान ने दो-दो।

अब सवाल ये उठ रहे हैं कि भारतीय कप्तान धोनी के पास जब 'प्रॉब्लम ऑफ प्लेंटी' जैसी स्थिति है तब क्या सुपर आठ के मैचों के लिए टीम में समीकरण बिगाड़ने की ज़रुरत भी है?

सहवाग का फॉर्म

वीरेंदर सहवाग ने अभ्यास मैचों में और अफगानिस्तान के खिलाफ हुए पहले ग्रुप मैच में सलामी बल्लेबाज़ी की है और इस बात में कोई दो राय नहीं कि वे इन मैचों में अपनी छाप छोड़ने में असफल रहे हैं।

ज़रूरी ये भी है कि सहवाग की एक दिवसीय क्रिकेट और ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में पिछले कुछ समय से खेली गई पारियों पर ध्यान दिया जाए।

उससे भी ज़्यादा ज़रूरी है सहवाग के औसत पर नज़र दौडाना। जहाँ टेस्ट मैचों में अब तक का सहवाग का प्रति मैच औसत 50 को पार कर जाता है, वहीं ट्वेंटी-20 मैचों में सहवाग अपने औसत को 22 के ऊपर तक भी नहीं पहुंचा सके हैं। एकदिवसीय क्रिकेट में भी लगभग ढाई सौ मैच खेलने के बाद सहवाग का औसत 35 के आसपास का ही है।

इन आंकड़ों को देख कर ये ज़रूर कहा जा सकता है कि सहवाग की भारतीय टेस्ट टीम में जगह तो सुनिश्चित रहनी चाहिए लेकिन टी-20 विश्वकप में जहाँ भारत का हर अगला मैच और महत्वपूर्ण होता जाएगा, वहां सहवाग को मौक़ा देकर कप्तान धोनी एक के बाद एक दूसरा गैम्बल नहीं कर सकते।

धोनी की मुश्किल

नेट्स में इरफ़ान पठान से बल्लेबाज़ी का लंबा अभ्यास करवाने के बाद धोनी ने पठान से इंग्लैंड के खिलाफ पारी की शुरुआत करने को कहा था। हालांकि पठान कुल आठ रन ही बना सके थे अपनी पारी में लेकिन उनके नाम पर एक मौका तो और बनता ही है क्योंकि पठान ने गेंदबाजी भी बेहतरीन की थी।

अब सवाल ये उठता है कि टीम में किन वरिष्ठ खिलाड़ियों की वापसी हो सकती है। डिंडा की जगह पर धोनी ज़हीर खान को ज़रूर अगले मैच में शामिल करना चाहेंगे लेकिन भज्जी और पीयूष चावला के अच्छे फॉर्म को देखते हुए इन दोनों खिलाड़ियों की जगह दूसरे को खिलाना ज़रा मुश्किल हो जाएगा। इन्ही समीकरणों के चलते वीरेंदर सहवाग का प्रतियोगिता के दूसरे मैचों में टीम में वापसी करना ज़रा मुश्किल ही दिख रहा है।

साथ ही भारतीय माध्यम क्रम के बल्लेबाज़, रोहित शर्मा और विराट कोहली अच्छे फॉर्म में बल्लेबाज़ी भी कर रहे हैं। ऐसे में शायद वीरू को एक-दो मैचों में बाहर बैठने में कोई हर्ज़ भी नहीं दिख रहा।

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