कानपुर (ब्यूरो)। फिर होगी मस्ती। बच्चे से बूढ़े तक करेंगे नॉनस्टॉप फन। क्योंकि शहर के सबसे पुराने फन पार्क मिक्की हाउस की सौगात लंबे समय के बाद एक बार फिर कानपुराइट्स को मिलेगी। किदवई नगर स्थित मिक्की हाउस के कबाड़ को हटाने के साथ उसे नगर निगम री-डेवलप भी करेगा। इसके लिए नगरआयुक्त ने अपर नगर आयुक्त की अध्यक्षता में चार सदस्यी कमेटी भी बनाई है। कमेटी मिक्की हाउस पार्क के डेवलपमेंट के लिए डिजाइन व ड्राइंग के आधार पर अपनी रिपोर्ट देंगे। थर्सडे को नगर आयुक्त ने मिक्की हाउस का निरीक्षण भी किया।

होई कोर्ट का फैसला
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल रिट अमित मिश्रा बनाम उत्तर प्रदेश केस में कोर्ट ने एक मार्च को अपना फैसला सुना दिया। आदेश में कहा कि किदवई नगर स्थित मिक्की हाउस से कबाड़ हटाए जाने के लिए नगर निगम कार्रवाई करे। इस आदेश का अनुपालन में थर्सडे को नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने उद्यान अधीक्षक डॉ। वीके सिंह के साथ मिक्की हाउस का निरीक्षण किया। मौके पर जोनल स्वच्छता अधिकारी आशीष बाजपेयी भी मौजूद रहे। नगर आयुक्त ने मिक्की हाउस के अन्दर के कबाड़ हो हटाये जाने के साथ ही प्रयोग न होने वाली सामग्रियों को तत्काल नीलामी के माध्यम से बेचे जाने का निर्देश दिया।

ब्यूटीफिकेशन के लिए कमेटी
नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त अमित कुमार भारतीय की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। जिसमें प्रभारी अधिकारी वर्कशॉप डॉ। अमित सिंह, जोन-3 के जोनल अधिकारी चन्द्र प्रकाश, एक्सईएन नानक चन्द्र और उद्यान अधिकारी डॉ। वीके सिंह कमेटी के मेंबर होंगे। कमेटी पूरेे मिक्की हाउस का जायजा लेकर सभी काम को अपनी देख-रेख में मिक्की हाउस के उपयोग व इसकी सुंदरता के लिए डिजाइन, ड्राइंग को देखते हुए अपनी रिपोर्ट नगर आयुक्त को देगी।

तीन साल पहले लीज खत्म
मिक्की हाउस का संचालन करने वाली कंपनी की 30 साल की लीज 30 जून 2021 को पूरी हो गई थी। इसके बाद कंपनी ने लीज रिन्यूअल के लिए कोर्ट में याचिका लगाई। लेकिन शर्तो के के उल्लंघन को ध्यान रखते हुए कोर्ट ने रिन्यूअल की परमीशन नहीं दी। जिसके बाद मिक्की हाउस को नगर निगम ने अपने कब्जे में ले लिया था और पब्लिक के घूमने के लिए एक छोटा गेट खोल दिया था।


मिक्की हाउस का इतिहास

1991 में दिल्ली की साउथ इंटरप्राइजेज और नगर निगम के बीच एक करार हुआ था, जिसके तहत मिक्की हाउस का निर्माण कंपनी ने कराया था। दिल्ली में स्थित अप्पू घर के सहयोग से यहां अत्याधुनिक झूले लगाए गए थे। तत्कालीन मेयर श्रीप्रकाश जायसवाल ने इसका लोकार्पण किया था। नगर निगम और कंपनी का करार 30 जून 2021 तक का हुआ था। इसका सालाना किराया 3.60 लाख रुपये नगर निगम को मिलता था। यहां 21 कर्मचारी काम करते थे। बच्चों का यह फेवरिटी प्वाइंट हुआ करता था।