जिन्हें स्पांडलाइटिस, सर्वाइकल और बैक पेन की शिकायत अक्सर होती है, उन्हें डॉक्टर्स पिलो न लगाने या बहुत पतली तकिया लगाने की सलाह देते हैं। ये सच है, लेकिन क्या आपको पता है कि ये प्रॉब्लम्स न होने के बाद भी आप जो पिलो यूज कर रहे हैं उसके मटीरियल, फॉर्म और कंफर्टेबिलिटी का ध्यान रखना जरूरी है? जानते हैं कैसी होनी चाहिए आपकी पिलो

The right pillow, what’s it? SLEEP

सोते वक्त आपकी गर्दन और सिर दोनों को कंफर्ट मिलना चाहिए, यानी आपका सिर और गर्दन दोनों बिल्कुल एक सीधे हों ना कि ऊंचे-नीचे। नेक में पेन, शोल्डर्स में स्टिफनेस, स्पांडलाइटिस, सर्वाइकल जैसी प्रॉब्लम्स की कंडिशन सही पिलो ना लगाने से और भी बढ़ जाती हैं। ऑर्थोपेडिक डॉ। एएस प्रसाद का कहना है, ‘स्पाइन बोन्स चेन के फॉर्म में एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं।

अक्सर लोगों को दो पिलो लगाने की आदत होती है या फिर ऊंची तकिया लगाने की। जब आप पूरी रात ऊंची पिलो लगाते हैं तो स्पाइन की बोन्स के बीच का मेकैनिज्म फेल हो जाता है और वहां की मसल्स में दर्द होने लगता है, धीरे-धीरे वह एरिया जाम हो जाता है और प्रॉब्लम्स शुरू होने लगती हैं.’

What kind of pillow to use?

हमेशा सॉफ्ट पिलो यूज करें। माइक्रोफिल फिलिंग वाले पिलोज या फिर रुई वाली पिलोज का यूज करें। ‘जब आप सॉफ्ट पिलो यूज करते हैं तो सिर वाला पोर्शन दब जाता है और गले वाला पोर्शन नेक को सपोर्ट देता है। अगर आप पिलो नहीं यूज कर रहे हैं तो सिर के नीचे पतला टॉवल या चादर फोल्ड करके भी लगा सकते हैं.’

Precautions

-स्पाइन की डिफरेंट प्रॉब्लम से बचने के लिए जरूरी है कि आप हमेशा कॉटन पिलो का यूज करें.ladyonpillow

-पिलो लगाते टाइम गर्दन और सिर का पूरा हिस्सा पिलो पर आना चाहिए। सिर्फ सिर के नीचे पिलो लगाने से सिर और सोल्डर के बीच

गर्दन का हिस्सा झूलता है, जिससे  कई तरह की प्रॉब्लम होने का डर बना रहता है।

-पिलो की ऊंचाई कम से कम 3 इंज होनी चाहिए। ज्यादा ऊंचे पिलो से प्रॉब्लम होती है।

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