- मार्च में बंद हुई थी यूनिवर्सिटी

- 8 माह बाद दोबारा खोली जा रही हैं यूनिवर्सिटीज

- 50 प्रतिशत स्टूडेंट्स को ही बुलाया जाएगा

- 200 से ज्यादा स्टूडेंट्स एक हॉल में नहीं बैठेंगे

- 1 कमरे में रहेगा एक स्टूडेंट

- 14 दिन का क्वारंटीन पीरियड करना होगा पूरा

- क्लासेस में रोस्टर के अनुसार बुलाए जाएंगे केवल 50 फीसद स्टूडेंट्स

- ऑनलाइन क्लास भी चलेंगी, थूकने व बाहरी लोगों के आने पर रहेगा प्रतिबंध

LUCKNOW : प्रदेश में करीब 8 महीनों से बंद यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेज 23 नवंबर से फिर से खोले जाएंगे। शुरुआत में 50 प्रतिशत स्टूडेंट्स को ही कैम्पस बुलाया जाएगा। राज्य सरकार ने मंगलवार को यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेजों को खोले जाने को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिये। कोरोना वायरस महामारी के चलते मार्च से यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेज बंद हैं।

एक दिन के गैप पर बुलाए जाएंगे स्टूडेंट्स

उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका गर्ग ने सभी डीएम और यूनिवर्सिटीं के रजिस्ट्रार को भेजे आदेश में कहा है कि क्लासेस चरणबद्ध तरीके से फिर से शुरू की जाएं। क्लासेस इस तरह से लगें कि कैंपस में छात्रों की भीड़ न इकट्ठी हो। अभी तक सिर्फ पीएचडी और पीजी साइंस ग्रुप के स्टूडेंट्स को ही पढ़ाई के लिए कैंपस बुलाया जा रहा था, लेकिन अब सभी पाठ्यक्रमों के स्टूडेंट्स की क्लासेस कैंपस में लगेंगी। आदेश में कहा गया है कि क्लासेस का रोस्टर इस तरह तैयार किया जाएगा कि स्टूडेंट्स एक दिन के गैप पर बुलाए जाएंगे।

अधिकतम दो सौ स्टूडेंट्स हॉल में बैठाए जा सकेंगे

यूनिवर्सिटी व कॉलेजों को खोलने के आदेश में कहा गया कि संस्थान में यदि हॉल या कमरे बड़े हैं, तब भी अधिकतम 200 स्टूडेंट्स फेस मास्क और दो गज की शारीरिक दूरी के नियम का सख्ती से पालन करते हुए ही बैठाए जाएंगे। क्लास का आकार यदि छोटा है तो उसे और सेक्शन में बांटा जा सकेगा। स्टूडेंट्स को ऑनलाइन क्लासेस का भी विकल्प दिया जाएगा। कोर्स का एक निर्धारित हिस्सा स्टूडेंट्स ऑनलाइन ही पढ़ेंगे और ऑनलाइन क्लासेज को बढ़ावा दिया जाएगा।

गेट पर कर्मचारी और स्टूडेंट्स की थर्मल स्क्रीनिंग

इस दौरान बाहरी लोगों का कैंपस में प्रवेश प्रतिबंधित होगा। कैंपस में थूकने पर भी प्रतिबंध रहेगा। अगर कोई स्टूडेंट्स थूकते हुए पकड़ा गया तो अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। कैंपस में प्रवेश द्वार पर स्टूडेंट्स की थर्मल स्क्री¨नग के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। प्रयोगशालाओं में भी स्टूडेंट्स के छोटे-छोटे बैच बनाए जाएंगे ताकि शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया जा सके। स्टूडेंट्स, शिक्षक और कर्मचारी अनिवार्य रूप से आईकार्ड पहनेंगे। बुजुर्ग, गर्भवती महिला और गंभीर रोगों से ग्रस्त कर्मचारी सीधे स्टूडेंट्स के संपर्क में नहीं आएंगे। कोविड-19 से बचाव के लिए संस्थान अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों के साथ संपर्क में रहेंगे और जागरूकता के लिए टीमें बनाएंगे। कैंपस व कक्षाओं का नियमित सेनेटाइजेशन होगा।

हॉस्टल के कमरे में एक स्टूडेंट्स रहेगा, 14 दिन क्वारंटाइन

यूनिवर्सिटी व कॉलेजों के हॉस्टल में स्टूडेंट्स को चरणबद्ध ढंग से बुलाया जाएगा। विभिन्न स्थानों से आ रहे स्टूडेंट्स को 14 दिन तक क्वारंटाइन किया जाएगा। एक कमरे में एक स्टूडेंट्स ही रहेगा। वहीं मेस में भीड़ न हो इसके लिए उसका समय बढ़ाया जाएगा। डाइ¨नग हॉल में छोटे-छोटे बैच बनाकर अलग-अलग समय पर स्टूडेंट्स भेजे जाएंगे। स्टूडेंट्स नकद लेन-देन नहीं कर सकेंगे।

जिम खुलेगा, बंद रहेंगे स्वी¨मग पूल

उच्च शिक्षण संस्थानों में जिम को खोला जाएगा ताकि स्टूडेंट्स कसरत कर सकें, लेकिन स्वी¨मग पूल पूरी तरह बंद रहेंगे। स्टूडेंट्स को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय बताए जाएंगे। मानसिक तनाव से बचने के लिए काउंसलर की भी व्यवस्था रहेगी। स्टूडेंट्स मनोदर्पण नाम से बने वेब पेज और राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर 8445440632 पर भी ऑनलाइन काउंसि¨लग करा सकेंगे।

इसका रखना होगा विशेष ध्यान

- संस्थाओं को विभिन्न कार्यक्रमों में सभी विभागों एवं छात्रों के बैच के लिये पूरी तरह रोस्टर के साथ चरणबद्ध तरीके से परिसर खोलने का विवरण तैयार करना होगा

- शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों तथा छात्रों को आईकार्ड पहनना अनिवार्य होगा

- संकाय, छात्र, कर्मचारी को एक दूसरे से बचने के लिये नियमित रूप से जांच की जानी चाहिए

- क्लासेस का चरणबद्ध तरीके से चालू किए जाने के सम्बन्ध में सप्ताह मे 06 दिवसीय शेड्यूल तैयार करना होगा तथा बैठने की व्यवस्था को शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना होगा

- 50 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति के साथ क्लासेस शुरू की जा सकती है, सभी छात्रों को मास्क पहनना होगा। हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल करना होगा।

- गाइडलाइंस के मुताबिक, यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को स्टूडेंट्स व स्टाफ के लिए थर्मल स्कैनिंग एवं हैंड वाश का बंदोबस्त करना होगा

- वाइस चांसलर और प्रिंसपलों से कहा गया है कि संस्थानों को चलाने के लिए एसओपी स्टैंडर्ज ऑपरेटिंग प्रोसिजर का पालन किया जाए

- कोविड.19 से लड़ने के लिए शैक्षणिक संस्थान किसी नजदीकी अस्पताल और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ से टाईअप भी कर सकते हैं

- सभी स्टूडेंट्स को आयोग्य सेतु एप डाउनलोड करनी होगी

- केवल वही शैक्षणिक संस्थान खुलेंगे जो कन्टेनमेंट जोन के बाहर होंगे।

- कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले छात्र, शिक्षक और कर्मचारी संस्थान में प्रवेश नहीं करेंगे।

- कक्षाओं में छात्र बुक, लैपटॉप, नोट्स आपस में शेयर नहीं करेंगे।

- दो छात्रों के बीच छह फीट की दूरी होना अनिवार्य है।

- संस्थान के गेट पर छात्रों के प्रवेश करते समय और निकलते समय कोई भीड़ न लगे, इसके लिए पूरी सावधानी बरती जाए

- यूनिवर्सिटी को हेल्थ प्रोटोकॉल के साथ हॉस्टल खोलने की इजाजत होगी कोरोना लक्षण वाले छात्रों को हॉस्टल में ठहरने की इजाजत नहीं होगी, डाइनिंग टेबल से परहेज करें और छोटे छोटे समूहों में खाना खाएं, कॉमन एरिया में जाते समय मास्क पहनें। स्विमिंग पूल बंद रहेंगे।

यह होगी पैरेंट्स की भूमिका

- माता-पिता को सुनिश्चित करना चाहिए उनके बच्चें घर पर और जब भी बाहर जाय नियमों का पालन करें

- यदि छात्र अस्वस्थ्य महसूस कर रहे हों, तो उनके माता-पिता को अपने बच्चों को बाहर जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए

- अभिभावकों को सलाह दी जा सकती है कि उनके बच्चों के मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड किया गया हों

- माता-पिता को उन्हें स्वस्थ्य भोजन की आदतों और प्रतिरक्षा बढ़ाने के उपायो के बारे में सचेत करना चाहिए

छात्रों की भूमिका

- सभी छात्रों को फेस कवर/मास्क पहनना चाहिए और सभी निवारक उपाय करना चाहिए

- छात्रों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहना चाहिए, तन्दरूस्त रह कर वे दूसरों का भी ध्यान रख सकते है।

छात्रों को ऐसी गतिविधियॉ विकसित करनी चाहिए जो प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिये व्यायाम, योग्य, ताजे फ ल और स्वस्थ्य भोजन (फास्ट फूड से बचना), समय से सोना शामिल करना होगा।

शिक्षण/प्रशिक्षण संस्थानों को खोलने के बाद:-

संस्थान में प्रवेश करते समय

- प्रवेश करते समय भौतिक दूरी के माप दण्ड को अपनाते हुए थर्मल स्क्रीनिंग तथा हैड सेनेटाइज किया जाना चाहिए

- परिसर में शैक्षणिक गैर शैक्षणिक स्टॉफ छात्रों तथा गेस्ट को अनुमति दी जानी चाहिए

- कोविड-19 के बारे में निवारक उपायों पर पोस्टर प्रमुखता से परिदर्शित होना चाहिए

- पार्किग स्थल, गलियारों में तथा लिफ्ट में उचित दूरी का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए

- आगंतुको का प्रवेश सख्ती से प्रतिबंधित होना चाहिए

छात्रावास खोलने के लिए

- छात्रावास ऐसे मामलों में खोले जा सकते हैं, जहां सुरक्षा एवं स्वास्थ्य उपायों का कड़ाई से पालन करना आवश्यक है। छात्रावास में कमरे के बंटवारे की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कोविड-19 के लक्षण वाले छात्रों को किसी भी परिस्थिति में छात्रावास में रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

- विभिन्न स्थानों से आ रहे छात्रों को 14 दिनों की अवधि के लिये क्वारंटीन पर रखा जाना आवश्यक है

- छात्रावास के एरिया में कोई भीड़ नहीं होनी चाहिए भीड़ से बचने के लिये छात्रों की संख्या को उचित रूप से सीमित करने की आवश्यकता है। छात्रों को छात्रावास में चरणबद्ध तरीके से बुलाया जा सकता है

- सभी छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जानी चाहिए

- डाइनिंग हॉल, सामान्य कमरे, खेल के क्षेत्र में छात्रों की दूरी सीमित होनी चाहिए

- रसोई, डाइनिंग हॉल, बाथरूम एवं शौचालय आदि की स्वच्छता की निगरानी नियमित रूप से रखा जाएगा

- डाइनिंग हॉल में भीड़ से बचने के लिये छोटे-छोटे बैचाें में छात्रों को भोजन के लिये बुलाया जाएगा, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भोजन ताजा पका हुआ हों तथा एक वरिष्ठ कर्मचारी की निगरानी में भोजन बनाया जाना चाहिए तथा बर्तन साफ -सुथरे होने चाहिए

- भोजन बनाए जाने से पूर्व कर्मचारियों द्वारा फेस कवर, मास्क तथा हाथों को सेनेटाइज किया जाना आवश्यक है

- छात्रों एवं कर्मचारियों को बाजार में जाने से बचना चाहिए, जहां तक सम्भव हों आवश्यक वस्तुओं को परिसर के भीतर ही उपलब्ध कराया जाना चाहिए

- हॉस्टल के भोजन कक्ष में छात्रों की संख्या को निर्धारण कर सकते है भीड़भाड़ से बचने के लिये मेस टाइमिंग बढ़ाई जा सकती है।