लखनऊ (ब्यूरो)। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बोली वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का 900 करोड़ का काम मात्र 2 साल में पूरा किया गया, स्टूडेंट्स को इससे सीख लेनी चाहिए। काशी में हुए निर्माण कार्य को देखने के लिए स्टूडेंट्स वहां जाएं व गहनता से समझे। उन्होंने कहा कि 40 साल पहले शुरू की गई 100 करोड़ की सरयू परियोजना में इतने साल लगने के बाद अब 10 हजार करोड़ रुपए लगाकर पूरा किया गया। यह शर्म की बात है। यह सब पैसा सामान्य कर दाताओं का पैसा है।उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा स्टूडेंट्स के लिए रोजगार और स्वरोजगार प्राप्ति की सबसे सहज राह होती है। हुनर से रोजगार तक का आसान मार्ग तकनीकी सेक्टर से ही होकर गुजरता है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी को चाहिए कि वे स्टूडेंट्स के कौशल विकास को निखारें।
आज डिजिटल एकलव्य की जरूरत
मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित आईआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक पद्मश्री प्रो एसजी धांडे ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्चतर शिक्षा तक में समन्वय होना चाहिए। यह तभी संभव है जब हर यूनिवर्सिटी कालेज के शिक्षक समय-समय पर अपने घर के आसपास के स्कूल में जाकर पढ़ाएंगे। उन्होंने एकलव्य का उदाहरण देते हुए कहा कि अंगूठा जाने के बाद एकलव्य ने अपने पैर के दम पर तीरंदाजी के सभी गुण सीखे। वास्तव में अभ्यास मनुष्य को पूर्ण रूप से दक्ष बनाता है। आज डिजिटल एकलव्यों की जरूरत है।

किस ग्रुप में कितने मेडल
- यूजी कोर्सेज में 16 गोल्ड, 17 सिल्वर, 18 ब्रांज मेडल
- पीजी कोर्सेज में 2 गोल्ड, 2 सिल्वर व 2 ब्रांज मेडल
- गवर्मेंट संस्थानों 12 गोल्ड, 7 सिल्वर व 7 ब्रांज मेडल
- पीजी कोर्सेज में 5 गोल्ड, 1 सिल्वर और 1 ब्रांज मेडल

पीएसआईटी की राशि को मिला चांसलर मेडल
समारोह में प्राणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर की छात्र राशि माथुर को चांसलर गोल्ड मैडल प्रदान किया किया गया। साथ ही एसआर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी लखनऊ की छात्रा सीलू गौतम को श्रीमती कमल रानी मेमोरियल पदक प्रदान किया गया। समारोह में पूर्व छात्र अंकित माहेश्वरी को डिस्टेंगुइस एल्युमिनस अवार्ड से सम्मानित किया गया।