लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां राजधानी को नो ट्रिपिंग जोन बनाने की दिशा में कवायदें की जा रही हैैं, वहीं दूसरी तरफ आलम यह है कि ज्यादातर सबस्टेशंस ऐसे हैैं, जिनके पास बिजली सप्लाई की कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। ऐसे में अगर सबस्टेशन में कोई तकनीकी समस्या आती है या लोड अधिक पड़ता है तो साफ है कि सबस्टेशन की ओर से दूसरे किसी माध्यम से बिजली सप्लाई नहीं की जा सकेगी।

कई बार उठाया मुद्दा

उपभोक्ता परिषद की ओर से सबस्टेशंस की इस समस्या को लेकर कई बार मुद्दा उठाया गया लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। जिसकी वजह से गुजरते वक्त के साथ जब लोड बढ़ेगा तो साफ है कि सबस्टेशंस फेल होंगे और उनके पास बिजली सप्लाई के लिए कोई भी अतिरिक्त सोर्स उपलब्ध नहीं होगा।

इस वजह से है जरूरी

अगर सबस्टेशंस के पास वैकल्पिक सोर्स उपलब्ध है तो किसी भी प्रकार की समस्या आने पर बिजली सप्लाई बाधित नहीं होगी। वर्तमान समय में तो स्थिति चिंताजनक है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष का कहना है कि गोमतीनगर, गोमती नगर विस्तार, सरोसा भरोसा, लौलाई, निगोहा समेत कई सबस्टेशंस हैैं, जहां पर सिंगल सोर्स ही उपलब्ध हैैं। ऐसे में अगर यहां कोई समस्या आती है तो सबस्टेशन से जुड़े हजारों उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना करना पड़ता है और वो भी लंंबे वक्त के लिए।

जल्द डबल सोर्स किए जाएं

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने एक बार फिर से मांग की है कि सभी 130 सबस्टेशंस को जल्द से जल्द डबल सोर्स का किया जाए। जिससे सबस्टेशंस से जुड़े बिजली उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना न करना पड़े। उन्होंने यह भी मांग की है कि सबस्टेशंस की लोड क्षमता भी बढ़ाई जाए, जिससे ट्रिपिंग का संकट दूर हो सके।