लखनऊ (ब्यूरो)। नेशनल रोड सेफ्टी वीक बुधवार से खत्म हो रहा है। एक हफ्ते तक चलने वाले इस अभियान को देखते हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने भी 'मसला-ए-जिंदगी' अभियान चलाकर ट्रैफिक व्यवस्थाओं की हकीकत से लखनवाइट्स को रूबरू कराया। जिसमें शहर में ट्रैफिक व्यवस्था, रोड एक्सीडेंट, नियमों का उल्लंघन समेत तमाम ट्रैफिक रूल्स को लेकर खबरें प्रकाशित की गईं, जिसे देखते हुए लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने अब एक ब्लूप्रिंट तैयार किया है। शहर में चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम करने के लिए जेसीपी लॉ एंड आर्डर उपेंद्र कुमार अग्रवाल से बातचीत के कुछ अंश

750 पुलिसकर्मियों को किया शामिल

शहर में ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई हुई है। इसकी सबसे बड़ी वजह है ट्रैफिक पुलिस विभाग के पास मैन पावर की कमी होना। साथ ही अधिकतर पुलिसकर्मी वीआईपी ड्यूटी पर लगे रहते हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में बड़ा कार्यक्रम होना है। इस पर जेसीपी लॉ एंड आर्डर उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने कहा कि 750 पुलिसकर्मियों को ट्रैफिक पुलिस विभाग में शामिल किया गया है। ट्रैफिक को सुगम बनाने के लिए इनकी ड्यूटी विभिन्न जगहों पर लगाई जा रही है, ताकि शहर में लोगों को जाम की समस्या से बचाया जा सके।

योजनाओं पर भी चल रहा काम

ट्रैफिक पुलिस लखनवाइट्स को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए कई ब्लूप्रिंट तो तैयार करती है, पर शुरुआती दौर में सख्ती के बाद मामला कमजोर पड़ जाता है। जेसीपी ने कहा कि ट्रैफिक में सुधार लाने के लिए लोगों को नियमों का पालन करवाया जा रहा है। साथ ही कई योजनाओं पर भी काम चल रहा है।

सरकारी हो या प्राइवेट, नियम सबके लिए

अगर आम पब्लिक ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करती है तो ट्रैफिक पुलिस उसका चालान आसानी से काट देती है, लेकिन उन सरकारी वाहनों का क्या, जो सड़कों पर ट्रैफिक नियमों का रूल्स तोड़ रहे हैं। पुलिस और परिवहन विभाग भी इन गाड़ियों पर चालान काटने के बजाय चुप्पी साधे रहता है। इसपर जेसीपी ने कहा कि चालकों को ट्रैफिक नियमों का पालना करना होता है, ट्रैफिक रूल्स सभी के लिए एक बराबर है, इसमें चाहे प्राइवेट हो या सरकारी गाड़ी।

फरवरी तक ई-रिक्शा पर लगाम

शहर में ई-रिक्शा बेलगाम हो चुके हैं, इनकी वजह से आए दिन लोगों को जाम की समस्या के साथ-साथ कई बार हादसों का भी शिकार होना पड़ता है। जेसीपी ने कहा कि सभी इलाकों में चलने वाले ई-रिक्शा को जोन वाइज बांट दिया गया है। कलर कोड के हिसाब से ई-रिक्शा की पहचान हो जाएगी कि ई-रिक्शा किस जोन का है। इसके लिए थाना पुलिस को सभी ई-रिक्शा का वेरिफिकेशन करने की जिम्मेदारी दी गई है। फरवरी महीने से शहर में दौड़ रहे बेलगाम ई-रिक्शा पर नकेल कसी जाएगी।

फॉलो करने होंगे ट्रैफिक रूल्स

शहर में बढ़ती गाड़ियां पुलिस के लिए सिरदर्द साबित हो रही हैं। फिर चाहे टू व्हीलर हों या फोर व्हीलर, इनकी वजह से आए दिन शहर में जाम की समस्या भी बनी रहती है, लेकिन अक्सर देखा गया है कि पुलिस जाम या फिर ट्रैफिक व्यवस्थाओं को सुगम करने के बजाय चालान पर फोकस रहता है। पुलिस ऐसा इसलिए करती है कि ताकि चालकों के मन में ट्रैफिक के प्रति अवेयरनेस बढ़े। वे ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के बजाय नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाएं। अगर ऐसा हो गया तो ट्रैफिक जाम से लोगों को अपने आप छुटकारा मिल जाएगा।

इसपर भी होगा सुधार

- ट्रैफिक सिग्नल में सुधार किया जाएगा।

- जाम से छुटकारा दिलाने के लिए लगाई जाएगी जवानों की एक्स्ट्रा ड्यूटी।

- ओवरस्पीडिंग की एफआईआर पर कार्रवाई होगी तेज।

- ज्यादा जाम वाले चौराहों को किया जाएगा चिन्हित।

- अयोध्या कार्यक्रम को लेकर तैनात रहेगी एक्स्ट्रा फोर्स।

खुद को और दूसरों को भी रखें सेफ

सड़क पर चलने वाले हर एक वाहन चालक की जिम्मेदारी है कि वह रांग साइड, ओवरस्पीड, रेड सिग्नल जंप, ट्रिपलिंग, विदआउट हेलमेट समेत अन्य ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन न करे। ऐसा करने से खुद पर तो खतरा मंडराता ही है, साथ ही दूसरों की जान भी खतरे में पड़ जाती है। आपकी जल्दबाजी की वजह से किसी का परिवार भी उजड़ सकता है।