लखनऊ (ब्यूरो)। जानकीपुरम क्षेत्र के आकांक्षा परिसर पॉकेट-2 के पार्क में स्थित झूले पर मां के दुपट्टे के सहारे 14 साल के आरव सिंह ने सुसाइड कर लिया। वह अलीगंज सीएमएस स्कूल में 9वीं का छात्र था। बुधवार को स्कूल में उसका इंग्लिश का पेपर था, लेकिन आरव ने स्कूल जाने के बजाय पार्क में जाकर सुसाइड कर लिया। कहा जा रहा है कि इंग्लिश का पेपर होने की वजह से वह दबाव में था। इस बात में कितनी सच्चाई है, इसकी छानबीन जानकीपुरम पुलिस कर रही है।

सुबह 6 बजे घर से निकला
घटना बुधवार सुबह करीब 6 बजे की है। जानकीपुरम के आकांक्षा परिसर पॉकेट-2 में आलोक सिंह पिछले करीब पांच साल से अपने परिवार के साथ रहते हैं। वह सीपीडब्ल्यूडी में बतौर असिस्टेंट इंजीनियर तैनात हैं। घर में पत्नी हेमन सिंह, बेटी सोना (12) और बेटा आरव सिंह रहता है। उनका बेटा आरव अलीगंज स्थित सीएमएस स्कूल में क्लाव 9वीं का छात्र था। बुधवार सुबह करीब छह बजे वह अपने घर से निकल गया, घरवालों को लगा कि वह स्कूल गया है, लेकिन वह स्कूल जाने के बजाय जानकीपुरम क्षेत्र के आकांक्षा परिसर पॉकेट-2 में स्थित पार्क में झूले पर दुपट्टे से फंदा लगा लिया। मामले की जानकारी तब हुई, जब पार्क में टहल रहे लोगों ने आरव को फंदे से लटकता देखा। जिसके बाद मामले की सूचना पुलिस और परिजनों को दी गई। मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों की मदद से आरव को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पढ़ाई में अच्छा था आरव
परिजन बच्चे की मौत की खबर से टूट चुके हैं। उनके मुताबिक, आरव पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन उसने सुसाइड क्यों किया, यह समझ नहीं आ रहा है। बताया गया कि उसके स्कूल में एग्जाम चल रहा है। वहीं, जानकीपुरम थाना प्रभारी उपेंद्र सिंह ने कहा कि आरव की मौत का कारण अभी पता नहीं चल सका है। कहा जा रहा है कि एग्जाम की टेेंशन की वजह से आरव ने फंदा लगाया है।

अंगे्रजी का पेपर था
जांच में सामने आया कि पिछले कई दिनों से सीएमएस में एग्जाम चल रहे हैं। बुधवार को अंग्रेजी का पेपर था, जिसमें आरव को भी एग्जाम देना था, लेकिन वह स्कूल नहीं गया। स्कूल में जब आरव समय से नहीं पहुंचा तो स्कूल की तरफ से आरव के परिजनों को फोन किया गया। इसपर परिजनों ने आरव के सुसाइड की सूचना दी। वहीं, घटना के बाद परिवार समेत आसपास के लोग सभी आहत हैं। किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि उनका आरव अब उनके बीच नहीं रहा।

बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत
मनोचिकित्सक आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि जीवन बहुत अनमोलन है। परीक्षा तो हर साल आती है, सभी बच्चों को यह बात समझनी होगी। परीक्षा में फेल होना जीवन में फेल होना नहीं है। फेल होने से भी जीवन में अनुभव प्राप्त होते हैं। सोच हमेशा पॉजिटिव रखनी चाहिए। पॉजिटिव लोग ही जीवन में बड़े काम करते हैं। अगर आपका बच्चा भी पढ़ाई को लेकर आपसे दूर हो रहा है तो उसपर ध्यान देने की जरूरत है।