- कोर्स में एडमिशन के लिए एलयू ने प्रस्ताव लगभग कर लिया तैयार

- कार्य परिषद की बैठक में भी प्रस्ताव रखने की तैयारी

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LUCKNOW :

लखनऊ यूनिवर्सिटी ने रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए इंटीग्रेटेड पीएचडी कोर्स शुरू करने की घोषणा की थी। एलयू ने इस कोर्स में एडमिशन का पूरा प्रस्ताव लगभग तैयार कर लिया है और उसे कार्य परिषद की बैठक में रखने की भी तैयारी कर ली गई है।

यह होगा फायदा

इस कोर्स के शुरू होने के बाद स्टूडेंट्स को अलग से पीएचडी में एडमिशन की प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। एलयू ने इंटीग्रेटेड पीएचडी के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसके अंतर्गत कोर्स में एडमिशन लेने के दौरान स्टूडेंट नेट या जेआरएफ के लिए चयनित होता है तो यूनिवर्सिटी उसकी पीजी कोर्स की पूरी फीस माफ करेगी। एलयू के प्रवक्ता डॉ। दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि इसका ऑर्डिनेंस लगभग तैयार हो चुका है।

यूजी में 60 फीसद मा‌र्क्स पर एडमिशन

इंटीग्रेटेड पीएचडी कोर्स में एडमिशन के लिए स्टूडेंट के यूजी मे कम से कम 60 फीसद मा‌र्क्स होने चाहिए। एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम, एकेडमिक इंडेक्स एवं इंटरव्यू की प्रक्रिया से स्टूडेंट को गुजरना होगा। एडमिशन के बाद पीजी कोर्स में स्टूडेंट को दो साल में 96 क्रेडिट सभी सेमेस्टर मिलाकर पूरे करने होंगे। वहीं 55 फीसद मा‌र्क्स या फिर 5.5 सीजीपीए की अनिवार्यता पीएचडी की उपाधि के लिए जरूरी होगी। जो स्टूडेंट्स इन्हें पूरा नहीं कर पाएंगे उन्हें पीजी की डिग्री लेकर कोर्स छोड़ने को कहा जाएगा। 75 फीसद अटेंडेंस न होने पर नहीं दी जाएगी डिग्री।

कम से कम 10 टीचर हों

इंटीग्रेटेड पीएचडी आर्डिनेंस के अनुसार कोर्स में एडमिशन पीजी लेवल पर होगा। इसकी सीट केवल उन्हीं विभागों में होगी जहां कम से कम शिक्षकों की 10 पोस्ट हों।

यह भी है जरूरी

- इंटीग्रेटेड पीएचडी केवल उन्हीं विभागों में चलेगा जहां 10 रेगुलर फैकेल्ट होंगी

- पीजी कोर्स में स्टूडेंट्स को दो साल में 96 क्रेडिट पूरे करने होंगे

- 55 फीसद मा‌र्क्स या 5.5 सीजीपीए की अनिवार्यता पूरी करने मिलेगी डिग्री

- टॉपिक आवंटित होने के बाद न्यूनतम दो साल में जमा करनी होगी थीसिस