6 हजार मकान इलाके में

20 हजार की जनसंख्या

18 साल पहले बनी कॉलोनी

- एलडीए ने डेढ़ करोड़ का कर दिया भुगतान और आज तक नहीं बनी रोड

- नगर निगम में शामिल हुआ वार्ड, विकास का डेढ़ साल से इंतजार

LUCKNOW :

अर्जुनगंज का सरसवां इलाके में सरस्वतीपुरम कॉलोनी वीवीआई इलाके के बीच बसी है। यह कॉलोनी के चारों तरफ हाईराइज बिल्डिंग, शहीद पथ व पुलिस मुख्यालय है। हरियाली के बीच बसी कॉलोनी में विकास की बयार 18 साल से नहीं बही है। हालांकि विकास के नाम पर घोटालेबाजी की भेंट जरूर चढ़ चुकी है। रोड के नाम पर करोड़ों का भुगतान हो गया और रोड का नामो निशान तक नहीं है। कभी बिल्डर तो कभी एलडीए ने यहां के लोगों के विश्वास को ठगा है।

एक भी सुविधा नहीं

सरस्वतीपुरम कॉलोनी नगर निगम में शामिल है फिर भी निगम से मिलने वाली एक भी सुविधा यहां के लोगों को नहीं मिल रही है। सिर्फ कूड़ा उठान वाली गाड़ी आती है और हर माह हर घर से सौ रुपये लेकर कूड़ा उठाती है। बारिश होते ही यह पूरा इलाका तालाब में तब्दील हो जाता है।

हर तरफ कीचड़

कॉलोनी के सटे ओमेक्स, ग्रीन सिटी, रिश्ता, एमआर समेत कई बड़े अपार्टमेंट है। अपार्टमेंट ने आगे के हिस्से में रोड, नाली की सुविधा एलडीए ने दी है लेकिन पीछे स्थित कॉलोनी की मुख्य रोड ही खस्ता हाल है। कच्ची मिट्टी की पगडंडी की रोड पर हर वक्त बड़े-बड़े गड्डे व जल भराव रहता है।

हो गया करोड़ों का भुगतान

कॉलोनी में कई वर्षो से रोड नहीं है। स्थानीय लोगों ने इसके लिए आईटीआई का सहारा लिया। जो जवाब मिला वह चौंकाने वाला था। एलडीए ने उस रोड के लिए एक करोड़ 76 लाख 11 हजार 466 रुपये स्वीकृत हुए थे और रोड व नाली निर्माण के लिए 1 करोड़ 43 लाख 5 हजार 39 रुपये खर्च किए गए हैं। लेकिन यहां तो रोड बनी ही नहीं है।

यहां कोई रोड नहीं है। गलियां बारिश के दिनों में तलाब में तब्दील हो जाती हैं। लोगों ने लाखों रुपये खर्च कर मकान बनवाए हैं लेकिन बुनियादी सुविधा कुछ भी नहीं है।

अंकिता पांडेय

कई बड़े अपार्टमेंट आगे के हिस्से में हैं। बिल्डर्स ने अपार्टमेंट बनवाने के दौरान हमारी रोड का यूज किया। बड़े-बड़े वाहन गुजरने से मेन रोड पर इतने बड़े गढ्डे हो गए कि पैदल तो दूर वाहन से निकलना भी मुश्किल होता है।

महेश मिश्रा

न रोड है और न पेयजल व्यवस्था व सीवर। वर्षो पहले ग्राम समाज की तरह से नाली बनी थी लेकिन उसे भी लोगों ने पाट दिया है। जलनिकासी न होने के चलते यहां जलभराव रहता है।

ओंकार नाथ मिश्रा

करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया गया जबकि इस रोड के लिए बजट स्वीकृत हुई थी वह रोड आज तक नहीं बनी। ऐसी स्थिति में विकास के लिए कहां जाए। सांसद से लेकर मंत्री विधायक तक के चक्कर लगा चुके हैं।

शिवशंकर दुबे

नगर निगम की तरफ से कूड़ा उठाने वाली गाड़ी आती है और स्थानीय लोग सौ रुपये महीना भुगतान करते है। जबकि रोड पर साफ सफाई के लिए कोई भी सफाई कर्मचारी की नियुक्ति नहीं है, जबकि चंद कदमों की दूरी पर वीवीआई रोड है।

राजेश त्रिवेदी

मेन रोड से गलियां तीन फीट नीचे है। रोड न होने के चलते बारिश के समय लोगों को घरों तक पानी भर जाता है। आलम यह है कि जरी सी बारिश में लोगों को घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है उन्हें कैद रहना पड़ता है।

सुशील कुमार तिवारी

इलाका नगर निगम में करीब डेढ़ वर्ष पूर्व शामिल हो चुका है, लेकिन आज तक नगर निगम की तरह से कोई सुविधा नहीं मिली है। नगर निगम ने सर्वे भी करा लिया और वार्ड भी बांट दिए गए हैं।

टीएन तिवारी

इलाके में रोड, नाली व सीवर लाइन के साथ पेयजल आपूर्ति के लिए सांसद, मंत्री विधायक सबसे मिलकर लिखित व मौखिक जानकारी दी गई। हर बार केवल आश्वासन मिलता है, लेकिन काम नहीं होता है।

विपिन सिंह