लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू ने रविवार को अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कंवेंशन सेंटर में एलुमनाई मीट का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ वीसी डॉ। बिपिन पुरी द्वारा किया गया। आयोजन के दौरान पूर्व जार्जियंस ने अपने दौर की यादें साझा करते हुए पुराने दिनों को याद किया। साथ ही समय के साथ आये बदलावों को भी शेयर किया।

लड़की के नाम पर मचा हंगामा

1971 बैच के डॉ। पीके शर्मा ने बताया कि हम लोग पढ़ाई के दौरान टीजी हॉस्टल में रहते थे और हमारे वार्डन डॉ। हलीम थे। उस समय गार्ड ने आकर उनको बताया कि हॉस्टल में एक लड़की आई हुई है। यह सुनकर वह बेहद गुस्सा हुए और जानकारी करते हुए उस रूम में पहुंच गये जहां गार्ड ने लड़की आने के बारे में बताया था। वहां उनको वाकई में एक लड़की मिली। जब उन्होंने पूछा कि तुम कौन हो, तो लड़की ने पलट कर पूछ लिया कि तुम कौन हो। पर लड़की की मर्दाना आवाज सुनकर वह भी चौंक गये। बाद में बताया गया कि वह लड़का है और उन्हें अप्रैल फूल बनाया गया है।

एक दिन में 15 सिजेरियन किए

वहीं, 1965 बैच की डॉ। मंजु शुक्ला ने बताया कि हमारे समय में रैगिंग खूब होती थी। हम लोगों के बालों में तेल लगा दिया जाता था। रात को लॉन में बुलाकर तारे गिनने को कहा जाता था। उस दौरान हमारी हेड रहीं डॉ। कुट्टी साउथ से आती थीं। उनकी हिंदी सुनकर हम लोग बहुत हंसते थे। एक बार हम लोगों ने क्लास बंक की तो अगले दिन वह पूछने लगीं। जब हमने बताया कि लड़के क्लास में नहीं आये थे, इसलिए हम भी नहीं आये तो वह बोलीं कि क्या केवल लड़के देखने क्लास में आती हो। इतना ही नहीं, मैंने एक रात में 15 सिजेरियन किए थे, जिसमें 1 घंटे में 10 डिलीवरी कराई थीं, क्योंकि उस समय पूरा लोड क्वीन मेरी पर रहता था।

जब वीसी ने सबके सामने डांटा

वहीं, 1971 बैच के डॉ। जीके सिंह ने बताया कि मैं अपने आर्थोपेडिक विभाग में बतौर एचओडी काम कर रहा था। उस दौरान मेरा एम्स में बतौर डायरेक्टर सेलेक्शन हुआ था। मैं आफिस में काम कर था कि अचानक वीसी आफिस से फोन आया कि सर आपको बुला रहे हैं। उस समय डॉ। डीके गुप्ता सर वीसी थे। मैं वहां पहुंचा तो सबके सामने डांटते हुए बोले कि क्या पागल हो गये हो, जो वहां पत्थर से सिर मरवाने चले हो। उसके बाद उनको एकांत में ले गया और समझाया कि 95 दिग्गजों के इंटरव्यू के बाद मेरा सेलेक्शन हुआ है, जिसके बाद वह मान गये और बोले ठीक है जाओ। वह दिन आज भी मुझे याद है।