5,32,286 रुपये का ड्रॉफ्ट लौटाया

1 लाख 30 हजार की नकदी लौटाई

39 मोबाइल भी वापस किए

8 लैपटॉप भी यात्रियों को लौटाए।

- पिछले साल पैसेंजर्स को लौटाए 7 लाख रुपये, ज्वैलरी और कई मोबाइल

- सामान वापस मिलने के बाद पैसेंजर्स ने बोला थैंक्स

LUCKNOW17 जनवरी 2020 को हजरतगंज मेट्रो स्टेशन पर एक महिला का बैग स्कैनर के पास छूट गया। जब सुरक्षाकर्मियों ने बैग की जांच की तो उसमें एक लाख से अधिक की नकदी मिली। इसके बाद वहां मौजूद स्टाफ ने तुरंत ही महिला को संपर्क कर बैग वापस किया। बैग वापस मिलने के बाद महिला ने मेट्रो स्टाफ का धन्यवाद देते कर्मचारियों की ईमानदारी की सराहना की।

पेश की ईमानदारी की मिसाल

बैग वाला मामला तो एक उदाहरण है लेकिन हकीकत यह है कि वर्ष 2020 की शुरुआत से लेकर अंत तक मेट्रो कर्मियों ने कई पैसेंजर्स का सामान लौटाकर एक तो ईमानदारी की मिसाल पेश की, वहीं पैसेंजर्स का मेट्रो के प्रति विश्वास और भी मजबूत किया। खास बात यह है कि पिछले साल कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से मेट्रो का संचालन सिर्फ साढ़े छह माह ही हुआ। इससे साफ है कि अगर पूरे वर्ष मेट्रो दौड़ती तो मेट्रो कर्मियों के ईमानदारी से जुड़े कई और भी उदाहरण सामने आ सकते थे।

पैसेंजर ने लिखा प्रशंसा पत्र।

नौ सितंबर 2020 को मेट्रो यात्री प्रशांत कुमार का बैग विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन पर छूट गया था, जिसमें पांच लाख 32 हजार 286 रुपए का डिमांड ड्रॉफ्ट था। मेट्रो कर्मियों ने डिमांड ड्रॉफ्ट को पैसेंजर को लौटा दिया। इसी तरह 29 सितंबर को एक महिला अधिवक्ता का बैग सकुशल लौटाया गया था, जिसमें सोने की चूडि़यों के साथ 16220 रुपए नकद थे। खास बात ये रही कि ये बैग लॉकडाउन से पहले नौ मार्च को मेट्रो स्टाफ को मिला था जिसकी सूचना तुरंत पैसेंजर को दी गई थी। मेट्रो की ओर से लंबे वक्त तक बैग को संभाल कर रखने और वापस करने पर महिला अधिवक्ता अंजू ने प्रशंसा पत्र भी लिखा था।

प्रक्रिया बेहद सरल

बता दें कि यूपी मेट्रो की ओर से पैसेंजर्स का खोया सामान लौटाने की प्रक्रिया भी बेहद सरल रखी गई है, जिसके अंतर्गत यात्री को अपनी आईडी दिखानी होगी, जिसके बाद उसी स्टेशन से यात्री को उसका खोया हुआ सामान वापस दे दिया जाएगा।

पैसेंजर्स की मदद

मेट्रो कर्मियों की ओर से यात्रियों का सामान तो लौटाया ही जाता है साथ ही कई बार अगर किसी पैंसजर की तबीयत खराब हो जाती है तो उसे भी राहत पहुंचाई जाती है। ऐसे भी दो से तीन केस सामने आ चुके हैं।

वर्जन

यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन अपने यात्रियों की सुरक्षित और आरामदायक यात्रा के साथ साथ मेट्रो परिसर में उनके सामान की भी पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

कुमार केशव, एमडी, यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन