लखनऊ (ब्यूरो)। सफर के दौरान रोडवेज की बसें दुर्घटनाग्रस्त न हों इसके लिए हर माह डिपो को मेटीनेंस के नाम पर बजट दिया जाता है। पर यह मेंटिनेंस बजट कहां खर्च हो रहा है, यह बड़ा सवाल बना हुआ है। दरअसल, बसें रास्ते में बंद होने से लेकर उनमें आग तक लगने की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में रोडवेज बसों की मरम्मत के नाम पर खर्च किए गए दो करोड़ रुपये का अब हिसाब मांगा जा रहा है, जिसको लेकर विभाग में हड़कंप मच गया है।

लगातार मिल रहीं शिकायतें

अप्रैल महीने में परिवहन निगम मुख्यालय द्वारा बसों की मरम्मत और बस अड्डों पर सुधार के नाम पर लखनऊ समेत 115 डिपो को दो करोड़ रुपये का बजट दिया गया था। बावजूद इसके बस अड्डों और बसों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। यात्रियों द्वारा लगातार टोल फ्री नंबर 18001802877 और सोशल मीडिया पर शिकायत दर्ज कराई जा रही है। यात्रियों की लगातार शिकायतों को देखते हुए एमडी मासूम अली सरवर ने सभी आरएम और एसएम को तलब करके पूर्व में बसों की मरम्मत में खर्च हुए पैसों का हिसाब मांगा है।

अधिकारियों को लगाई फटकार

दरअसल, अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग सोमवार को बसों के सुधार की दिशा में उठाए गए कदमों को लेकर समीक्षा बैठक कर रही थीं। इस दौरान लखनऊ क्षेत्र से आने वाली शिकायतों पर आरएम और एसएम को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने निर्देश दिए कि जो भी खामियां बसों में हैं उन्हें तत्काल दूर कराएं। वहीं, भीषण गर्मी का असर एसी बसों पर भी पड़ रहा है। जहां यात्री महंगा टिकट खरीदने के बाद भी पसीने से तर बतर हो रहे हैं, क्योंकि बसों के भीतर लगे एसी काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में यात्रियों को सफर में बड़ी दिक्कतें हो रही हैं।