लखनऊ (ब्यूरो)। यूनिवर्सिटी के पुराने शिक्षकों ने बताया कि ऐसा पहला मामला 2011 में आया था। तब कार्यवाहक वित्त अधिकारी के रूप में कार्यरत जया बाला चन्द्रा पर कर्मचारियों ने हमला किया था। उस समय तत्कालीन वीसी प्रो। हनुमय्या थे।

दो ग्रुप में बंट गए शिक्षक

इसके बाद वीसी प्रो। आरसी सोबती के समय शिक्षक विवादों में अधिक आए। तत्कालीन कुलसचिव सुनीता चन्द्रा के वीसी प्रो। आरसी सोबती से जैसे-जैसे मतभेद बढ़े, वैसे-वैसे यूनिवर्सिटी के शिक्षक दो ग्रुप में बंट गए थे। एक ग्रुप वीसी तो, दूसरा कुलसचिव सुनीता चन्द्रा के साथ था। वीसी समर्थक ग्रुप कुलसचिव को तरह-तरह से परेशान करने लगा। इस मामले में दलित छात्र कुल सचिव के साथ हो गए और शिक्षकों के विरोध में खड़े हो गए थे।

2016 में शिक्षकों पर हुआ हमला

कुलसचिव सुनीता चन्द्रा को लेकर वर्ष 2016 में प्रशासनिक भवन में हाईपावर कमेटी की बैठक चल रही थी। देर शाम बैठक खत्म होने पर छात्रों ने प्रो। कमल जायसवाल और अन्य शिक्षकों को प्रशासनिक भवन के बाहर घेरा और उन पर हमला कर दिया। इसमें उनको चोट भी आई थी।

वित्त अधिकारी पर धक्का देने का आरोप

वीसी प्रो सोबती के समय तत्कालीन वित्त अधिकारी राम शंकर सिंह का भी कुलसचिव सुनीता चन्द्रा से विवाद हो गया था। कुलसचिव का आरोप था कि वह गलत तरीके से कई चीजों की रिकवरी कर रहे हैं। यह मामला इतना बढ़ा कि कुलसचिव जब वित्त अधिकारी से मिलने गई थीं तो वहां उनके साथ वित्त अधिकारी ने अभद्रता की थी। कुलसचिव ने वित्त अधिकारी पर अपमान करने और धक्का देने का आरोप भी लगाते हुए थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।

सुपरवाइजर पर किया था हमला

स्कूल ऑफ अम्बेडकर स्टडीज के डॉ। एलसी मलैय्या पर फरवरी 2019 में उनके ही शोध छात्र ने हमला कर दिया था। छात्र का आरोप था कि डॉ। मलैय्या उनको शोध कार्य पूरा होने में बाधा डाल रहे हैं।

वीसी पर भी हो चुका है हमला

वीसी प्रो। सोबती के बाद यहीं के प्रो। एनएमपी वर्मा को कार्यवाहक वीसी बनाया गया था। एक दिन जब वह यूनिवर्सिटी के गेट नंबर एक के बाहर रात को साइकिलिंग कर रहे थे, तब कुछ लोगों ने उन पर हमला कर घायल कर दिया था।

इंजीनियरिंग के छात्रों से भी कमान सिंह भिड़ चुके हैं

प्रो कमान सिंह इंजीनियरिंग संस्थान के निदेशक थे। छात्रों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। जिसको लेकर प्रो। कमान सिंह छात्रों से भिड़ गए थे। छात्रों ने प्रो। कमान की पिटाई भी कर दी थी। फिर उन्हें निदेशक पद से हटा दिया गया था। कमान सिंह पर बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सदस्य संतोष कुमार से भी अभद्रता करने का भी आरोप है।