लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू ट्रामा सेंटर में व्यवस्था और ट्रीटमेंट सुधार की दिशा में अब डॉक्टर्स एकसाथ काम करेंगे। इसके लिए गुरुवार को सभी विशिष्ट विभागों के एचओडी साथ मिलकर जटिल केस के इलाज और व्यवस्था, दोनों पर मंथन करेंगे। यह व्यवस्था वीसी के निर्देशों के बाद की जा रही है। इस कवायद से इंटर्न को भी सीखने का मौका मिलेगा।

अक्सर आती हैं शिकायतें

ट्रामा सेंटर में 400 से अधिक बेड हैं। वहीं, आर्थो, ट्रामा सर्जरी, न्यूरो सर्जरी के यहां रोजाना 300 से अधिक मरीज आते हैं, जिसमें अधिकतर मरीज गंभीर अवस्था वाले होते हैं। अक्सर मरीजों के द्वारा डॉक्टर का उन्हें सही से न देखना, इलाज में लापरवाही और स्टाफ को सही जानकारी न होने की शिकायत करते हैं। इसी समस्या को दूर करने और मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए अब ट्रामा के विभिन्न विभागों के डॉक्टरों की एक्सपर्ट टीम मिलकर किसी गंभीर मरीज के केस पर मिलकर मंथन करेगी ताकि और बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सके। साथ ही, सभी विभागों में बेहतर तालमेल भी बैठाया जा सके।

मरीजों को मिलेगी बेहतर सुविधा

केजीएमयू वीसी डॉ। बिपिन पुरी के मुताबिक, ट्रॉमा सेंटर में गंभीर मरीज आते हैं, जो स्टूडेंट्स और इंटर्न को सिखाने का सबसे अहम जरिया भी होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सप्ताह में एक दिन ट्रामा के सभी विभाग के एचओडी या सीनियर फैकल्टी किसी एक गंभीर केस पर चर्चा करेंगे। जिस विभाग का केस होगा, उसके एचओडी या सीनियर उस केस से संबंधित सभी जानकारियां जैसे समस्या, ट्रीटमेंट क्या किया और क्या स्थिति है आदि के बारे में बताएंगे। इसके अलावा अन्य डॉक्टर्स भी केस को लेकर अपनी राय देंगे ताकि बेहतर इलाज की दिशा में काम किया जा सके। इससे न केवल केस को बेहतर हैंडल करने में मदद मिलेगी, बल्कि इसका फायदा अन्य मरीजों के इलाज में भी मिलेगा। साथ ही स्टूडेंट्स को सीखने का मौका भी मिलेगा।

प्रिसीजन मेडिसिन पर कार्यशाला

वीसी डॉ। बिपिन पुरी ने बताया कि संस्थान में प्रिसीजन मेडिसिन की शुरुआत की जा रही है, जिसकी मदद से किसी भी मर्ज के लिए सटीक दवा की तलाश की जा सकती है। इसका फायदा मरीजों को बेहतर इलाज के तौर पर मिलेगा। इसके लिए सोमवार को कार्यशाला का आयोजन भी किया जा रहा है।