लखनऊ (ब्यूरो)। कृष्णा नगर के मानस नगर में रहने वाले रोहित त्रिपाठी ने गलती से एक फेक इंस्टेंट लोन ऐप 'क्रेडिट बाक्स' को डाउनलोड कर लिया, जिसके बाद उनकी पूरी जिंदगी बदल गई। 23 सितंबर को उन्होंने मोबाइल पर यह लोन ऐप डाउनलोड किया था। शक होने पर उन्होंने ऐप को बंद भी कर दिया। यह ऐप डाउनलोड करने की सजा ने उन्हें और उनके पूरे परिवार को हिला कर रखा दिया। न केवल वह अब तक 17 हजार रुपये का बिना लोन लिए पेमेंट कर चुके हैं, बल्कि उन्हें लगातार पैसा जमा करने की धमकी भी मिल रही है। आखिर में उन्होंने हार कर साइबर क्राइम सेल व कृष्णा नगर पुलिस से मदद मांगी है।

कैसे फंसे लोन ऐप के चक्कर में

मानस नगर में रहने वाले रोहित त्रिपाठी सरकारी कर्मचारी हैं। 23 सितंबर को उन्होंने अपने मोबाइल पर फोन लोन ऐप डाउनलोड किया और 9 हजार रुपये लोन लेने का प्रयास किया। हालांकि, उन्हें वह लोन ऐप फर्जी लगा तो चंद मिनट में ही उन्होंने बिना लोन लिए ऐप बंद कर दिया। दूसरे दिन उसके अकाउंट में 9 हजार रुपये लोन ऐप के जरिए क्रेडिट कर दिए गए।

वापस करने में फंसता गया जाल में

अकाउंट में 9 हजार आने पर उसने कॉल कर लोन लेने से मना कर दिया, तो ऐप के जरिए उससे कहा गया कि लोन रिपेमेंट के नाम पर 9762 रुपये का पेमेंट करें। 7 अक्टूबर को उसने गलती से लिए लोन का 9762 रुपये का पेमेंट कर दिया, जिसके बाद 15 अक्टूबर को दोबारा कॉल आई और उसे लोन के एवज में 7799 रुपये जमा करने को कहा गया। इस पर रोहित ने इंकार किया तो रिकवरी एजेंसी से कॉल आई और धमकी दी गई। काफी गलत तरीके से बात किए जाने पर भयभीत होकर रोहित ने 7799 रुपये भी जमा कर दिए।

विदेशी नंबरों से आ रही कॉल

बिना लोन लिए पैसे भरने के बाद भी उनके पास विदेशी नंबरों से कॉल आ रही हैं। उनके व्हाट्सअप पर उनकी पूरी फोन लिस्ट भेजी गई। धमकी दी जा रही है कि अगर पैसे नहीं भेजे तो उन नंबरों पर कॉल कर तुम्हारे लोन न चुकता करने की बात कही जाएगी। इतना ही नहीं, मोबाइल पर उनकी व उनके परिवार की फोटो भी भेजी जा रही है और बच्चों को उठाने की धमकी दी जा रही है।

मोबाइल का एक्सेस ले लिया

फेक लोन ऐप डाउनलोड करते ही साइबर क्रिमिनल्स ने रोहित के मोबाइल का एक्सेस ले लिया। इसके जरिए उसने अकाउंट के साथ-साथ मोबाइल की फोन लिस्ट, फेसबुक अकाउंट समेत सोशल मीडिया प्लेटफाम्र्स से उनकी व उनके परिवार की फोटो हासिल कर लीं।

दर्जनों परिवार ब्लैकमेलिंग के शिकार

रोहित त्रिपाठी ही नहीं, लोन ऐप के जाल में बहुत से परिवार फंस चुके हैं, जो लगातार ब्लैकमेल हो रहे हैं। साइबर क्राइम सेल में दर्जनों मामले सामने आ रहे हैं। साइबर अपराधी अब इस ऐप से लोन लेने वालों के करीबियों को भी टारगेट कर रहे हैं। इंस्टेंट लोन ऐप के जरिए कुछ लोगों को छोटी-मोटी रकम भी उपलब्ध कराई गई है, ताकि लोगों का भरोसा इस तरह के ऐप पर बन जाए।

दिया छोटा लोन, लिया मोटा भुगतान

इंस्टेंट लोन ऐप पर काफी ज्यादा इंटरेस्ट रेट पर लोन दिया जाता है। चार हजार रुपए का लोन लेने पर करीब 20 हजार रुपए तक इंटरेस्ट लिया जाता है। एक बार लोन लेने के लिए प्रोसेस होने के बाद सात दिनों के लिए 3000 से 5000 रुपए लोन का ऑफर आता है। आप जैसे ही आगे बढ़ेंगे तो प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्ज के नाम पर ये करीब 500 से 600 रुपए काट लेते हैं। 7 दिन बाद इंटरेस्ट समेत पूरी रकम का भुगतान करना होता है।

ऐसे पता करें कि ऐप असली है या नकली

-रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि एंड्रायड यूजर के लिए चलने वाले अलग-अलग ऐप स्टोर पर तकरीबन 600 अवैध लोन ऐप चल रहे हैं। इसलिए यूजर जब भी कोई लोन ऐप डाउनलोड करें तो उसकी रेटिंग, रिव्यू जरूर पढ़ लें।

-लोन ऐप को कौन सी कंपनी चला रही है और उसे किस कंपनी ने डेवलप किया है। कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड सही पाते हैं, तभी ऐप डाउनलोड करें। कंपनी की वेबसाइट, कांटेक्ट डिटेल। ऑफिस का पता भी चेक करें। नकली या फर्जीवाड़ा करने वाले ऐप इस तरह की जानकारी अक्ससर छिपाते हैं।

- सबसे पहले यह जरूर चेक करें कि लोन ऐप के साथ कोई बैंक जुड़ा है या नहीं। लोन ऐप के साथ नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी जुड़ी होती है। गूगल पॉलिसी साफ कहती है कि किसी भी लोन ऐप के साथ अनिवार्य तौर पर कोई न कोई एनबीएफसी जरूर जुड़ा होना चाहिए। अगर कोई बैंक ऐप के साथ नहीं जुड़ा है तो उससे सावधान हो जाएं।

-फर्जी ऐप यूजर से कई तरह की जानकारी मांगते हैं। यह जानकारी यूजर के परमिशन के द्वारा दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि अच्छा ऐप वही होता है जो यूजर से कम के कम परमिशन में इस्तेमाल की इजाजत देता है। इससे पर्सनल डेटा चोरी होने का खतरा नहीं होता। खासकर कांटेक्ट लिस्ट चोरी का खतरा अधिक होता है जिससे फर्जी ऐप यूजर को परेशान करते हैं।

-असली लोन ऐप होगा तो वह यूजर को लोन देने से पहले अपनी पूरी जानकारी देगा। लुटेरे या नकली ऐप के साथ यह सुविधा नहीं मिलती। ऐसे ऐप यूजर को पूरी जानकारी नहीं देते और किसी वैध एग्रीमेंट के लिए भी तैयार नहीं होते। ऐप से लोन लेते हैं तो एक बार चेक करें कि ऐप बताए कि लोन देने वाली असली कंपनी कौन सी है क्योंकि ऐप कभी लोन नहीं देता बल्कि वह माध्यम बनता है। प्रोसेसिंग फीस, ब्याद दर, जुर्माना और रीपेमेंट के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लें।