- सुपारी किलर ब्रदर्स के गुर्गे आकाश के घर से बरामद हुआ था संदिग्ध सामान

- तेलीबाग के एक नर्सिग होम में पहुंची पुलिस की जांच, कई लोगों से पूछताछ जारी

- 2008 में अवैध ब्लड के धंधे में पकड़ा गया था आरोपी

LUCKNOW: चंद पैसों के लिए खून बहाने वाले माफियाओं के गुर्गे अब अवैध खून का धंधा कर रहे हैं। मामले का खुलासा कमिश्नरेट पुलिस द्वारा माफियाओं के गुर्गे पर नकेल कसने के लिए मंगलवार को चलाए गए छापेमारी के दौरान हुआ। छापेमारी के दौरान दबोचा गया सुपारी किलर ब्रदर्स का गुर्गा अवैध खून के धंधे का सूत्रधार निकला। पुलिस उसे मामले में 11 साल पहले भी दबोच चुकी है। जेल से छूटने के बाद उसने दोबारा धंधा शुरू कर दिया। इस बार उसे इस धंधे में माफियाओं का संरक्षण मिल रहा है। वहीं अवैध खून कारोबार मामले में पुलिस की जांच तेलीबाग स्थित एक नर्सिग होम में जाकर ठहर गई है।

11 साल बाद दोबारा दबोचा

पुलिस ने छापेमारी के दौरान सुपारी किलर बद्रर्स आकाश के घर दबिश दी थी, जिसमें ब्लड को सेफ रखने वाले थर्माकोल के बॉक्स के साथ कई इजेक्शन भी मिले थे। पुलिस ने वर्ष 2008-2009 में चौक के बालागंज इलाके में अवैध रूप से ब्लड के कारोबार का खुलासा किया था, जिसमें आकाश को गिरफ्तार किया गया था।

माफिया का संरक्षण मिला था

नीलमथा कैंट से पकड़ा गया आकाश सुपारी किलर बद्रर्स रूस्तम, सलीम व शोहराब गैंग का गुर्गा हैं। इस बार उसे माफियाओं का संरक्षण मिला तो उसने कैंट के नीलमथा से अवैध खून का कारोबार शुरू कर दिया। जानकारों की मानें तो पुलिस को पहले से इसकी भनक थी। पुलिस के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अवैध खून के कारोबार की जांच तेलीबाग के एक नर्सिंग होम तक पहुंची, जहां से आकाश के बारे में पता चला। आकाश ने पूछताछ में तेलीबाग के एक नर्सिंग होम के साथ कई डॉक्टर व प्राइवेट पैथोलॉजी के नाम कबूले हैं, जिसमें से कई ट्रांसगोमती नगर में स्थित हैं।

बॉक्स

रिक्शा चालक, नशे के लती का बनाते हैं शिकार

आकाश के गुर्गे जरूरतमंद, गरीब व रिक्शा चालक समेत नशे के लती को शिकार बनाकर उनकी बिना जांच खून निकालते हैं, जिसके बाद वह पैथोलॉजी व नर्सिंग होम में 6 सौ से एक हजार रुपये प्रति बैग बेच देते हैं। यह ब्लड गंभीर मरीजों को ही दिया जाता है ताकि अगर उनकी मौत भी हो जाए तो किसी को शक न हो।