- भारत बायोटेक ने पीजीआई और बीआरडी मेडिकल कॉलेज से शेयर किया प्रोटोकॉल

- 25 हजार लोगों पर देशभर में होगा वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल, खाका तैयार

रुष्टयहृह्रङ्ख : एसजीपीजीआई लखनऊ और गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भारत बायोटेक कंपनी की कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल जल्द शुरू होगा। शनिवार को वैक्सीन बना रही कंपनी भारत बायोटेक ने दोनों संस्थानों से वैक्सीन परीक्षण का प्रोटोकाल साझा कर दिया। वैक्सीन का ट्रायल 18 वर्ष से ऊपर के लोगों पर होगा।

तीन चरण का ट्रायल

देश में कोरोना का प्रकोप कायम है। इस वायरस से आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा चुनौती बनी हुई है। लिहाजा, केंद्र सरकार वैक्सीन बनाने में पूरी ताकत झोंके हुए है। वैक्सीन बनाने के लिए देश-विदेश में कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इधर, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में पहुंच गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ और गोरखपुर में इस वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए के लिए मंजूरी दी है। इसके लिए 23 सितंबर को एसजीपीजीआइ लखनऊ के निदेशक डॉ। आरके धीमान और गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉ। गणेश कुमार को नोडल अफसर नामित किया गया था। इसके बाद अफसरों ने भारत बायोटेक कंपनी से संपर्क कर वैक्सीन ट्रायल पर प्लानिंग शुरू कर दी। एसजीपीजीआइ निदेशक डॉ। आरके धीमान के मुताबिक शनिवार को वैक्सीन के ट्रायल का प्रोटोकाल कंपनी ने साझा कर दिया है। अक्टूबर में इसका परीक्षण शुरू कर दिया जाएगा।

तीन हजार लोगों पर होगा परीक्षण

डॉ। आरके धीमान के मुताबिक तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में देशभर में 25 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इनमें एसजीपीजीआई और गोरखपुर मेडिकल कॉलेज द्वारा परीक्षण के लिए प्रदेश के ढाई से तीन हजार लोगों का चयन किया जाएगा। इसके बाद वैक्सीनेशन वाले व्यक्ति में एंटीबॉडी का आकलन किया जाएगा। पूरी मॉनीटरिंग कर वैक्सीन के प्रभाव और दुष्प्रभाव के परिणामों को जुटाया जाएगा।

दो ग्रुप में होंगे वालंटियर

डॉ। धीमान के मुताबिक वैक्सीन ट्रायल के लिए वालंटियर के दो ग्रुप बनाए जाएंगे। इनमें से एक गु्रप 18-59 वर्ष की आयु का और दूसरा 60 वर्ष से ऊपर वाले लोगों का होगा। एक ग्रुप में पूरी तरह स्वस्थ व्यक्ति होंगे, वहीं दूसरे में पहले से हाईपरटेंशन, डायबिटीज, लिवर आदि बीमारियों से घिरे लोग शमिल होंगे। दोनों में वैक्सीन लगाकर उसके प्रभाव का आकलन किया जाएगा।