- पहली जमीन पर पीआईएल करा दी तो हमने दूसरी जमीन दे दी

-बाबा बताएं कि प्रधानमंत्री विदेश में थे, तो वे किससे मिल आए

- बेक्सिट जैसी स्थिति यहां भी, अब ढूंढ़े जा रहे अच्छे दिन

- एरा मेडिकल कॉलेज में मेडिकॉन 2016 का किया शुभारंभ

LUCKNOW:सीएम अखिलेश यादव का कहना है कि गोरखपुर एम्स के लिए जमीन हमने दी और क्रेडिट 'बाबा' जी ले रहे हैं। वह एरा मेडिकल कॉलेज में मेडिकॉन 2016 का शुभारंभ करने के बाद चिकित्सकों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उन्होंने लखनवी नफासत की चर्चा करते हुए अपना दर्द भी बांटा और यंग डॉक्टर्स का रिसर्च के लिए भी आह्वान भी किया।

खुद ही करा दी पीआईएल

सीएम अखिलेश ने कहा कि एक सरकार ने पांच साल तक रायबरेली में एम्स के लिए जमीन नहीं दी। हमने वहां जमीन मुफ्त में दे दी। बाद में खुद ही शिलान्यास कर लिया और मुझे बुलाया तक नहीं। अब दूसरे एम्स के लिए गोरखपुर में 200 एकड़ जमीन दी तो दूसरे रंग के कपड़े पहनने वाले बाबा जी को रास नहीं आया। खुद ही अदालत में पीआईएल करा दी। वैसे भी वह होशियार पार्टी है। हमने और जमीन दे दी। तो बाबा जी कह रहे हैं कि वह पीएमओ से एम्स लेकर आए हैं। हमे पता चला है कि वे जिस समय की बात कह रहे हैं उस समय तो पीएम विदेश में थे। अब पता नहीं बाबा जी किससे मिल कर एम्स ले आए यह तो वे ही बता सकते हैं।

इंजीनियर हर बार बढ़ा देते हैं स्टीमेट

सीएम ने कहा कि कहा कि मेडिकल कॉलेज बनाना अब आसान काम नहीं रह गया है। सरकारी इंजीनियर रिवाइज स्टीमेट लेकर जितनी बार आते हैं इस्टीमेट बढ़ा देते हैं। हमारे इंजीनियरों ने यह कला सीख ली है। वैसे भी मेडिकल कालेजों में एमसीआई के बाद अब तो एडमिशन में भी सख्ती हो गयी है। हालांकि प्रदेश सरकार ने चार साल में एमबीबीएस की 700 सीटें बढ़ाकर कीर्तिमान स्थापित किया है।

डॉक्टर वो अच्छा जो दवा कम दे

सीएम ने कहा कि डॉक्टर वो अच्छा जो दवा कम दे। कई डॉक्टर इतनी ज्यादा दवा लिख देते हैं कि देने वाले पर शक होता है कि उसके पास डिग्री है भी कि नहीं। दूसरी बार जाओ तो दूसरी दवा दे देता है तो लगता है कि डॉक्टर हम पर ही एक्सपेरीमेंट कर रहा है। कुछ डॉक्टर तो गलत दवा तक दे देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई क्षेत्रों कैंसर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिए अधिकारियों से क्षेत्रवार आकड़े मंगाए हैं। जबकि हार्ट और डायबिटीज भी तेजी से बढ़ी है। अब रिसर्च करने वालों को सोचना होगा कि इन बड़ी बीमारियों का खर्चा कम हो। मशीनरी और तकनीक बदलने के साथ हमें इस पर ध्यान देना होगा।

एक पेड़ पर 150 तरह के आम

अखिलेश ने प्रोग्राम में देश विदेश से आए मेडिकोज और अन्य स्पेशलिस्ट से लखनऊ के आम खाकर जाने को कहा। वे बोले कि थोड़ा देर हो गई है अब दशहरी शायद ही मिले, यहां एक पेड़ पर सौ तरह के आम लगे मिलेंगे और मेरे नाम का भी आम है और दूसरों के नाम का भी आम है। अब ये टेस्ट करके बताना बेहतर कौन है, मेरे नाम वाला या दूसरे के नाम वाला। सीएम ने कहा कि लखनऊ तो सबसे अलग है और इस बार दो बार ईद हो गयी। लेकिन अच्छा हुआ दो बार हुई और हमे दो बार सेवईया खाने को मिली। कार्यक्रम में मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे सादिक ने भी शिरकत की।