लखनऊ (ब्यूरो)। भारत के ऋषि-मुनियों की देन योग को आज पूरा विश्व अपना रहा है। योग को लेकर आज भारत विश्व का प्रतिनिधित्व कर रहा है, जो गर्व की बात है। आज विश्व में कई देशों में योग से होने वाले स्वास्थ्य सुधारों पर शोध हो रहे हैं। विदेशों में भी योगशालाएं स्थापित हुई हैं। भारत के पीजीआई, चंडीगढ़ के न्यूरोलॉजी विभाग में भी एक योग लैब स्थापित है। यह बातें बुधवार को गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने लोहिया संस्थान के एकेडमिक ब्लाक में स्थापित योगशाला के उद्घाटन के दौरान कहीं।

पुस्तक का विमोचन

संगोष्ठी में गर्वनर ने बताया कि इस योगशाला में मरीजों को स्वास्थ्य सुधार का एक नवीन वातावरण प्राप्त होगा। इसके साथ ही शोध में लगे छात्र यह जानेंगे कि किस प्रकार के योग से कौन से रोग में शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। स्वास्थ्य से जुड़े भारतीय विचारों को विश्वस्तर पर अपनाया जा रहा है। योग संग मोटे अनाज को भी विश्व स्तर पर पहचान मिली है। इस अवसर पर संस्थान के आहार विभाग द्वारा मोटे अनाज के 130 व्यंजनों पर संकलित पुस्तक पोषण की खान स्वास्थ्यवर्धक पौष्टिक धान्य का विमोचन भी किया गया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए

समारोह को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि स्वामी निर्मलानंद ने विश्व स्तर योग की अखंड पहचान के लिए इसकी वैज्ञानिक प्रतिस्थापना पर बल दिया। इस अवसर पर संस्थान में चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों द्वारा संगीतमय योग की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में संस्थान निदेशक प्रो। सोनिया नित्यानंद, डीन प्रो। नुजहत हुसैन, सीएमएस डॉ। अजय कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।

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ईश्वर का आशीर्वाद है शिशु की किलकारी

शिशुओं को असहाय न छोड़ें, यदि शिशु को पालन-पोषण में दिक्कत है या दूसरी सामाजिक अड़चने आ रही हैं तो उन्हें आश्रय पालना स्थल को दे सकते हैं। शिशु की किलकारी में ही ईश्वर का आशीर्वाद छिपा है। ये बातें बुधवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने केजीएमयू के क्वीन मेरी हॉस्पिटल में आश्रय पालना स्थल के शुभारंभ के दौरान कहीं।

कोई कमी नहीं आने दी जाएगी

कार्यक्रम में बोलते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि प्यार और दुलार से शिशु का भविष्य संवारा जा सकता है। किसी भी अनचाहे नवजात शिशु को यूं ही कहीं भी न फेंके। इससे शिशु का जीवन खतरे में पड़ सकता है। क्वीन मेरी के मुख्य गेट के पास स्थापित आश्रय पालना स्थल में छोड़ सकते हैं। यहां से शिशु को उचित देखभाल का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके लिए आश्रय पालना स्थल का ठीक से संचालन किया जाये। जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जायें। इसके संचालन में किसी भी तरह की अड़चन नहीं आने दी जायेगी। सरकार हर संभव प्रदान करेगी। कार्यक्रम में उप कुलपति डॉ। विनीत शर्मा, क्वीन मेरी की विभागाध्यक्ष डॉ। एसपी जायसवार, योग गुरु देवेंद्र अग्रवाल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।