लखनऊ (ब्यूरो)। अब आठ जोन के हिसाब से कलर कोडिंग तय की जाएगी। इसका मतलब यह है कि हर जोन के अंतर्गत आने वाले वार्डों में डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन और सफाई व्यवस्था की स्थिति का आंकलन किया जाएगा और इसके आधार पर कलर कोडिंग तय की जाएगी। कलर कोडिंग के अंतर्गत जोन को रेड, यलो और ग्रीन मार्क दिया जाएगा। इस कलर कोडिंग से तय हो जाएगा कि वार्डों में सफाई की स्थिति क्या है।
28 फरवरी तक शत प्रतिशत लक्ष्य
निगम प्रशासन की ओर से 28 फरवरी तक वेस्ट कलेक्शन का शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने संबंधी योजना बनाई गई है। इसके लिए सभी वार्डों में वेस्ट कलेक्शन, सफाई व अन्य बिंदुओं पर सर्वे कराया जा रहा है।
ओपन डंपिंग फ्री प्वाइंट्स
वहीं दूसरी तरफ निगम प्रशासन की ओर से पूरे शहर में ओपन डंपिंग प्वाइंट्स को चिन्हित कर उन्हें बंद करने संबंधी काम भी शुरू कर दिया गया है। सरोजनीनगर, इंदिरानगर, महानगर समेत कई इलाकों में एक दर्जन से अधिक ओपन डंपिंग प्वाइंट्स बंद किए जा चुके हैैं। स्वच्छता परीक्षा से पहले 100 से अधिक ओपन डंपिंग प्वाइंट्स को समाप्त करने संबंधी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इस तरह होगी कलर कोडिंग
1- रेड
अगर किसी जोन के वार्डों में सप्ताह में एक दिन भी वेस्ट नहीं उठता है तो ऐसे जोन को रेड मार्किंग दी जाएगी। यहां वार्डों में सफाई और वेस्ट कलेक्शन की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे।
प्रयास-15 दिन के अंदर उक्त व्यवस्था को ठीक किया जाएगा।

2- यलो
अगर सप्ताह में तीन या चार दिन ही वेस्ट उठता है तो उक्त जोन को यलो मार्क दिया जाएगा। इसके बाद प्रयास किया जाएगा कि उक्त जोन के सभी वार्डों में शत प्रतिशत वेस्ट कलेक्शन हो।
प्रयास-7 दिन के अंदर 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जाएगा।

3- ग्रीन
अगर किसी जोन के अंतर्गत सभी वार्डों में शत प्रतिशत वेस्ट कलेक्शन हो रहा है और सफाई भी हो रही है तो वो ग्रीन मार्किंग में आएगा।
प्रयास-उपरोक्त स्थिति बनाए रखने के लिए लगातार मॉनीटरिंग की जाएगी।