लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में एक दशक से शहर की बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था चिंता का विषय बनती जा रही है। लखनऊ कमिश्नरेट बनने के बाद शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारना पहली प्राथमिकता थी। जिसे लेकर पिछले ढाई सालों से लगातार काम भी किया जा रहा है। पिछले एक साल में लखनऊ पुलिस ने करीब 12 एक्शन प्लान बनाए लेकिन हालात आज भी वैसे ही हैं, जैसे पहले थे। अब शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने के लिए केवल ट्रैफिक विभाग के पास ही नहीं बल्कि सिविल पुलिस को कमान सौंपी गई है।

सिविल पुलिस भी संभालेगी ट्रैफिक व्यवस्था

पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर के अनुसार, ट्रैफिक को लेकर पिछले एक साल से लगातार काम किया जा रहा है। हालांकि, अभी भी डिरेल व्यवस्था कंट्रोल में नहीं आई है। अब ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अकेले ट्रैफिक विभाग की जिम्मेदारी नहीं होगी बल्कि उसकी मदद के लिए सिविल पुलिस को भी लगाया जाएगा। पहले भी सिविल पुलिस समय-समय पर यह काम करती रही है, लेकिन इस बार उन्हें प्लानिंग में शामिल किया जाएगा।

कैसा रहा लखनऊ पुलिस का एक्शन

91- शहर में वैध आटो, टैक्सी व बस स्टैंड

50- अवैध आटो, टैक्सी व बस स्टैंड हटाए गए

01- अवैध स्टैैंड चलाने वाले माफिया पर कार्रवाई गुंडा अधिनियम के तहत

03- स्टैैंड माफियाओं के खिलाफ केस दर्ज

12 माह में 12 प्लान उतरे सड़क पर

ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए 1 जनवरी 2022 से लेकर अब तक डिपार्टमेंट की तरह से 12 प्लान बनाए गए हैं, जिसमें कुछ सक्सेसफुल रहे तो कुछ लागू होने के बाद भी हालात को काबू करने में सफल नहीं हो सके। जानिए क्या थे ये प्लान

प्लान 1

कट किया गया बंद

सुषमा हॉस्पिटल हाईकोर्ट के पास डिवाइडर पर कट बना हुआ था, जिसे बंद करा देने से वहां पर जो जाम लगता था वह काफी हद तक कम हो गया। हालांकि, यहां पर ट्रैफिक कंट्रोल कर लिया गया, लेकिन उससे आगे कमता तिराहे पर हालात और ज्यादा खराब हो गए।

प्लान 2

बैरियर को खोला गया

शहीद पथ तिराहा जहां गडरा गांव से जो लोग आलमबाग की तरफ जाना चाहते थे, उनको भी अमौसी एयरपोर्ट तिराहे से घूमना पड़ता था। उनके लिए रोड पर रखे बैरियर खोलकर ट्रैफिक पुलिस के माध्यम से ट्रैफिक संचालन कराया जा रहा है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों को काफी सहूलियत हुई। हालांकि, इससे वाहनों के गुजरने के समय जाम की स्थिति बन जाती है और लंबे समय पर वाहनों को इंतजार करना पड़ता है।

प्लान 3

एकल मार्ग बनाया गया

कुकरैल बंधा रोड पर पीएसी महानगर को जाने वाले पुल को एकल मार्ग से रूप में केवल महानगर आने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। इसे करीम नगर से कुकरैल बंधा रोड पर जाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है, जिससे यहां ट्रैफिक कंजेशन समाप्त हो गया। हालांकि, लेखराज से कुकरैल बंधे को जाने वाली रोड पर व्यवस्था न होने से सुबह व शाम को जाम की स्थिति से जूझना पड़ता है।

प्लान 4

सिविल पुलिस की ड्यूटी

जुनाबगंज तिराहा, मोहनलालगंज कस्बा तिराहा, गोसाईगंज कस्बा तिराहा, इंदिरा नगर पुल, चिनहट तिराहा, भिटौली तिराहा, दुबग्धा पेट्रोल पंप तिराहा, तिकोनिया, नहरिया (थाना पारा) बेहटा पुलिस चौकी गुडंबा पर 12 टीएसआई, 5 हेड कांस्टेबल, 35 ट्रैफिक कांस्टेबल और 24 गार्ड के साथ सिविल पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है। हालांकि, इतनी फोर्स लगाने के बाद भी जाम की स्थिति बरकरार है।

प्लान 5

प्रवर्तन की कार्रवाई

गैर जनपदों व लखनऊ में संचालित बिना परमिट वाहनों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस ने प्रवर्तन की कार्रवाई कर 1516 वाहनों के खिलाफ ई-चालान की कार्रवाई की। हालांकि, कई चौराहे ऐसे हैं जहां हर दिन बिना परमिट वाले वाहन डग्गामारी करते हैं। वहां न तो पुलिस उन्हें सीज करती है और न ही चालान की कार्रवाई करती है।

प्लान 6

वाहनों का किया चालान

ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ जनवरी से अब तक 6,92,344 वाहनों का चालान किया और कुल 1,905 वाहनों को सीज किया गया। हालांकि, कार्रवाई के नाम पर कई पुलिस कर्मियों ने गलत तरीके से वाहनों का चालान किया। कई वाहनों का तो पिछले से चालान कर कार्रवाई की खानापूर्ति की।

प्लान 7

चलाया गया अभियान

अवैध टैक्सी, आटो व टैैंपो के खिलाफ अभियान चलाकर 50 से ज्यादा पर कार्रवाई की। हालांकि, न तो वन टाइम कार्रवाई के बाद दोबारा वहां से स्टैैंड हटाए गए और न ही वैध स्टैैैंड की संख्या बढ़ाई गई।

प्लान 8

रूट्स पर ई-रिक्शा बैन

शहर के 11 रूट्स पर ई-रिक्शा को बैन कराने की कार्रवाई की गई। कमिश्नरेट की तरह सभी 11 रूट्स जहां खासतौर पर मेट्रो रूट्स व वीआईपी इलाके, व्यस्त चौराहों पर बैन की कार्रवाई की। हालांकि, चंद दिनों बाद रूट्स पर अभी भी ई-रिक्शा बेधड़क दौड़ रहे हैं।

प्लान 9

फ्री लेफ्ट टर्न बनाए

ट्रैफिक स्मूथ करने के लिए फ्री लेफ्ट टर्न बनाए गए और वहां स्प्रिंग पोस्ट लगाकर फ्री टर्न को चलाने का प्रयास किया गया। जिससे चौराहों पर वाहनों का अतिरिक्त प्रेशर कम किया जा सके। वर्तमान में वाहन फ्री लेफ्ट टर्र्न को ही ब्लॉक कर देते हैं और ट्रैफिक पुलिस कोई एक्शन नहीं लेती।

प्लान 10

फोर्स बढ़ाने का प्रस्ताव

राजधानी में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए ट्रैफिक फोर्स बढ़ाये जाने का प्रस्ताव भेजा गया। होमगार्ड की संख्या बढ़ाने को कहा गया, लेकिन वर्तमान स्थिति नियमत: (जितनी मांग है) उससे आधी ट्रैफिक पुलिस फोर्स मौजूद है।

प्लान 11

ट्रैफिक सिग्नल से संचालन

शहर में 514 चौराहे व तिराहे हैं, जिसमें करीब 113 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल से ट्रैफिक चलाया जा रहा है। यह टारगेट था कि कई चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल से चलाए जाएंगे। हालांकि, कई चौराहे पर अभी तक ट्रैफिक सिग्नल का काम भी पूरा नहीं हो सका।

प्लान 12

रोक का नहीं हुआ फायदा

ओवर स्पीड और प्रेशर हार्न पर रोक होन के बाद भी रोड पर तेज स्पीड से गाडिय़ां दौड़ रही हैं। इसे रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने केवल यातायात माह में अभियान चलाया और कार्रवाई की। ऐसा नहीं है कि ट्रैफिक पुलिस के पास संसाधन नहीं हैं। स्पीडोमीटर, ड्रोन कैमरे व ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ अल्कोहल चेक करने के लिए मीटर भी हैं, लेकिन वे केवल खास मौके पर यूज किए जाते हैं।