लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में इलाज करवाना किसी युद्ध से कम नहीं है। गरीबों की तो यहां कोई सुनवाई नहीं होती। आलम यह है कि बिना जुगाड़ के वेंटिलेटर या बेड तक जल्दी हासिल नहीं होता है। वहीं, लारी कार्डियोलॉजी, क्वीन मेरी और ट्रामा में स्टाफ अभद्रता भी करता है, जिसको लेकर आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायज भी हुई, जिसके बाद केजीएमयू कुलसचिव रेखा एस चौहान ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर समस्या के समाधान को कहा है।

पोर्टल पर हुई शिकायत

केजीएमयू में चार हजार से अधिक बेड हैं। यहां 500 से अधिक डॉक्टर तैनात हंै, जबकि रोजाना 5 हजार से अधिक मरीज दिखाने आते हैं, लेकिन यहां फैली अव्यवस्थाओं को लेकर आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की गई है, जिसमें कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि बेड खाली होने के बावजूद मरीजों को भर्ती करने में डॉक्टर आनाकानी करते हैं। ट्रॉमा सेंटर, लारी कॉर्डियोलॉजी और क्वीन मेरी में गार्ड और स्टाफ बदतमीजी करता है। इसके अलावा बर्थ या डेथ सर्टिफिकेट लेने के नाम पर उगाही भी की जाती है। गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर तक नहीं मिल पा रहे हैं।

डॉक्टर मरीज को समय नहीं देते

शिकायती पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि वरिष्ठ डॉक्टर शाम को भर्ती मरीजों का हाल नहीं लेते। मरीजों को सस्ती दवाओं की जगह बाहर की दवाएं लिखी जा रही हैं। नर्स तथा अन्य स्टाफ मरीजों को पूरा समय नहीं देते हैं। इसके अलावा, ट्रॉमा सेंटर में छुट्टी के दिन सीनियर डॉक्टर आते ही नहीं हैं, जिसके चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

सुधार के लिए लिखा

शिकायत मिलने के बाद कुलसचिव ने सीएमएस गांधी स्मारक व ट्रामा सेंटर, एमएस, चीफ प्रॉक्टर और सदस्य सचिव आईटी सेल को लेटर लिखकर नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए लिखा है ताकि मरीजों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो।