लखनऊ (ब्यूरो)। दौड़भाग भरी जिंदगी में लोगों की पर्सनल लाइफ बहुत डिस्टर्ब होती जा रही है। कहीं काम का प्रेशर तो कहीं घर की जरूरतों को पूरा करने का दबाव पति-पत्नी के बीच तनाव बढ़ा रहा हैै। महिला थाने में हर माह करीब 200 शिकायतें आती हैैं, जिनमें सबसे ज्यादा शिकायतें शादीशुदा जिंदगी में समस्या से संबंधित होती हैं। जिसमें पत्नी द्वारा पति के टाइम न देने की शिकायत या पत्नी की जॉब के चलते पति की अनदेखी करने की शिकायतें होती हैैं। इन शिकायतों के निस्तारण के लिए महिला पुलिस मीडिएशन के जरिए उनके दाम्पत्य जीवन को बचाने की 'संजीवनी' दे रही हैै।

केस एक

वर्कलोड के चलते नहीं देते टाइम

अभिजीत (बदला हुआ नाम) प्राइवेट कंपनी में जॉब करता है। उसकी शादी कृष्णा नगर में रहने वाली ज्योति से तीन साल पहले हुई थी। शादी के एक साल तक सब ठीक रहा, लेकिन विगत 20 माह से वर्कलोड के चलते अभिजीत पत्नी को प्रॉपर टाइम नहीं दे पा रहा था। ज्योति को पहले लगा कि उसका कहीं अफेयर है और फिर उसने आरोप लगाते हुए महिला थाने में शिकायत की। दोनों की काउंसलिंग की गई, तो दोनों के बयान से साफ हुआ कि वर्कलोड के चलते वह पत्नी को टाइम नहीं दे पा रहा था। पुलिस ने मेडिएशन के जरिए दोनों के टूटते रिश्ते को बचाया।

केस दो

सरकारी नौकरी मिलने के बाद रिश्ते में आई दरार

आशियाना में रहने वाली मंजू (बदला हुआ नाम) की शादी जब हुई थी, तब वह 12वीं पास थी। शादी के बाद लोडर चालक पति ने उसे ग्रेजुएशन कराया और फिर बीएड करा सरकारी टीचर बनने में मदद की। नौकरी मिलने के बाद मंजू का बर्ताव बदलने लगा। इस बदलाव के चलते पति ने महिला थाने में शिकायत की, तो पुलिस ने दोनों के बीच चार बार काउंसलिंग करा दोनों को दोबारा मिलवाया।

कोरोना काल के बाद बढ़ रहे मामले

महिला थाना प्रभारी (कार्यवाहक) पूनम सिंह का कहना है कि कोरोना काल के बाद से महिला थाना में सबसे ज्यादा शिकायतें शादीशुदा जिंदगी से संबंधित आ रही हैं, जिसमें पति-पत्नी के बीच का विवाद सामने आता है। न्यूक्लियर फैमिली के चलते विगत एक साल से ऐसी शिकायतें ज्यादा आ रही हैैं। इससे पहले दहेज को लेकर ससुराल वालों पर प्रताडऩा व उत्पीडऩ की शिकायतें आती थीं।

ईगो बन रही खटास की बड़ी वजह

महिला थाने में जो शिकायतें आ रही हैं, उनमें सबसे बड़ी वजह पति-पत्नी के बीच का ईगो साबित होती है। जिसमें पति वर्कलोड के चलते पत्नी को टाइम नहीं दे पा रहा या फिर पत्नी जॉब के चलते पति व घर पर प्रॉपर ध्यान नहीं दे पा रही। जिसके चलते छोटी-छोटी बात पर विवाद बढ़ता है और दोनों के बीच तनाव इस कदर बढ़ जा रहा कि थाने पहुंचने तक की नौबत आ रही हैै।

काउंसलिंग के जरिए दी जा रही 'संजीवनी'

कपल्स के बीच होने वाले झगड़े की शिकायत में तत्काल एफआईआर दर्ज नहीं की जाती। इससे पहले तीन से चार बार दोनों को बुलाकर काउंसलिंग के जरिए मीडिएशन कराया जा रहा है। 100 से ज्यादा मामलों में दोनों के रिश्ते में सुधार लाकर उनके संबंधों को सुधारा भी गया है। ऐसे हर केस को तीन माह तक वॉच भी किया जाता है, ताकि उन्हें रिश्ते को कायम रखने में मदद मिल सके। इस दौरान उन्हें कॉल कर संपर्क भी किया जाता हैै।

महिला थाने में सबसे ज्यादा शिकायतें शादीशुदा जिंदगी में तनाव से जुड़ी आती हैं। कपल्स के रिश्ते को टूटने से बचाने के लिए तीन से चार बार उनका मेडिएशन कराया जाता है। इस प्रयास से कई परिवारों को टूटने से बचाया जा रहा है और यह पूरी तरह से सफल भी साबित हो रहा है।

-पूनम सिंह, कार्यवाहक प्रभारी, महिला थाना