लखनऊ (ब्यूरो)। भवन स्वामियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। यह राहत हाउस टैक्स प्रक्रिया से जुड़ी हुई है। मेयर के निर्देश के बाद टैक्स व्यवस्था को सरल बनाने का काम शुरू हो गया है। सबसे पहले तो यह निर्णय लिया गया है कि अब भवन स्वामियों को रिवाइज्ड हाउस टैक्स की रसीद नहीं भेजी जाएगी। दरअसल में, इसी रसीद में जमकर खेल किया जाता है और भवन स्वामी परेशान होते हैं। इस व्यवस्था को सभी जोन में लागू कर दिया गया है।

मिल रही थी गड़बडिय़ां

रिवाइज्ड हाउस टैक्स मामले में जमकर गड़बडिय़ां देखने को मिल रही थी। हाल में ही लोक मंगल दिवस में एक होटल मालिक ने रिवाइज्ड बिल को लेकर मेयर से शिकायत दर्ज कराई थी। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। इससे पहले भी रिवाइज्ड बिल को लेकर सवाल उठ चुके हैं। इसी के चलते उक्त व्यवस्था को समाप्त किया जा रहा हैै।

सॉफ्टवेयर में समय सीमा निर्धारित

नया सिस्टम लागू हो जाने से हाउस टैक्स से रिलेटेड सॉफ्टवेयर में समय सीमा निर्धारित की जाएगी, जिससे टैक्स संबंधित आपत्तियों को महीनों तक लटकाया नहीं जा सकेगा और संबंधित अधिकारियों को तीन दिन से अधिकतम एक सप्ताह के मध्य सेल्फ टैक्स असेसमेंट एप्लीकेशन में रिपोर्ट लगाना अनिवार्य होगा। बिल को बिना ठोस आधार दिये बदला भी नहीं जा सकेगा।

लगातार आते हैैं प्रार्थना पत्र

सभी आठ जोन में हाउस टैक्स रिवाइज्ड किए जाने को लेकर भवन स्वामियों के प्रार्थना पत्र आते हैं। हर जोन में रोजाना दो से तीन रिवाइज्ड संबंधी एप्लीकेशन आती रहती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए ही यह कदम उठाया जा रहा है, जिससे भवन स्वामियों को राहत मिल सके। वहीं यह भी कवायद की जा रही है कि भवन स्वामी खुद ही अपना टैक्स रिवाइज्ड भी कर सकें।