लखनऊ (ब्यूरो)। वेतन न मिलने की शिकायत के बाद टावर पर चढ़े परिवहन विभाग के संविदा कर्मी को नीचे उतारने में विभाग के साथ-साथ फायर व पुलिस विभाग के पसीने छूट गए। 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद डीएम और परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को टॉवर पर चढ़े संविदा चालक राजू को उतारने में कामयाबी मिली। सुबह करीब 7.45 बजे संविदा चालक राजू टावर पर चढ़ गया था। उसका आरोप था कि जितना वेतन उसे मिलता है उसमें आधी रिकवरी ही कर ली जाती है। बसों की स्थिति काफी खराब है। तीन माह से लगातार शिकायत की जा रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। इस वजह से मजबूरन वह लखनऊ आकर जान देने के लिए टावर पर चढ़ गया था।

हाइड्रोलिक सीढ़ी से उतारा गया नीचे

संविदा चालक राजू को टावर से उतारने में परिवहन निगम के अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। मौके पर मौजूद क्षेत्रीय प्रबंधक, सेवा प्रबंधक, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक के कहने पर जब चालक टावर से नहीं उतरा तो डीएम सूर्यपाल गंगवार मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी कोशिश की, लेकिन नतीजा सकारात्मक नहीं रहा। इसके बाद परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने नीचे से फोन पर चालक राजू से बात की और आश्वासन दिया कि वह नीचे उतरे, उसकी समस्या का समाधान होगा, जो कार्रवाई चाहते हैं वह की जाएगी। इसके बाद हाइड्रोलिक सीढ़ी मंगवाकर चालक को टावर से नीचे उतारा गया।

अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन

चालक और उसकी मां को अवध डिपो से परिवहन निगम मुख्यालय बुलाया गया। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने चालक की पूरी बात सुनी और अलीगढ़ क्षेत्र के एआरएम को तलब किया। उन्होंने भरोसा दिया कि मामले की पूरी जांच कराई जाएगी और अधिकारी जिम्मेदार होगा तो कार्रवाई की जाएगी। अगर गलत तरह से वेतन से रिकवरी की गई है, तो अधिकारी दंडित किए जाएंगे।

तीन साल से कर रहा था शिकायत

अलीगढ़ क्षेत्र के नरौरा डिपो में तैनात संविदा चालक राजू ने बताया कि पूरा सिस्टम ही ध्वस्त हो चुका है। तीन साल से मैं लगातार शिकायत कर रहा हूं, लेकिन सुनवाई नहीं की जा रही है। टूटी बसें देकर भेज दिया जाता है। रास्ते में बसें खराब हो जाती हैं। इनकम आती नहीं है और वेतन से कटौती कर ली जाती है, जरा सा वेतन मिलता है और उसमें से आधा अधिकारी ही ले लेते हैं। पिछले तीन साल से तमाम शिकायतें कीं, लेकिन हुआ कुछ नहीं। नरौरा डिपो में भ्रष्टाचार है। अलीगढ़ क्षेत्र में भी भ्रष्टाचार है। हजारों संविदा चालक परिचालक उत्तर प्रदेश में अधिकारियों का शिकार हो गए। संविदा चालक राजू की मां का कहना है कि अधिकारी बेटे को लगातार परेशान करते हैं। उसके वेतन से रिकवरी कर लेते हैं। टावर पर इसीलिए चढऩे को मजबूर हुआ।