लखनऊ (ब्यूरो)। पीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ। सुनील प्रधान ने बताया कि मिर्गी के मरीजों में दौरे पड़ने की संख्या बढ़ने के पीछे तीन चार प्रमुख कारण हैं। पहला यह कि कोरोना की वजह से मरीजों को डॉक्टरी परामर्श नहीं मिल पा रहा है और उनका मर्ज बढ़ता जा रहा है। दूसरा कारण, बिना डॉक्टर से सलाह किए दवा छोड़ना। तीसरा कारण, दूर-दराज के इलाकों में ट्रीटमेंट के लिए कम दवा का उपलब्ध होना और चौथा कारण खुद कोरोना होना भी है। इस तरह के कई मामले देखने को मिल रहे हंै।
खुद से दवा बिल्कुल न छोड़ें
डॉ प्रधान बताते हैं कि दौरा बढ़ने के मामले केवल उनमें बढ़ रहे है जिनकी दवा छूट रही है। ऐसे में जो मरीज अपनी दवा छोड़ेंगे उनमें दौरा पड़ने का खतरा अन्य के मुकाबले कई ज्यादा रहेगा।
दौरा पड़े तो यह करें
मिर्गी का दौरा पड़ने पर मरीज को करवट के बल लिटा दें। इस बात का ध्यान रखें कि मरीज का मुंह नीचे की तरफ रहे, ताकि मुंह की झाग, उल्टी बाहर निकल जाए। दौरा पड़ने के बाद मरीज की स्थिति सामान्य होने पर तुरंत अस्पताल लाएं। मिर्गी एक प्रकार से न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इसमें मरीज को बार-बार दौरे पड़ते है। इसके लिए दवाएं नियमित लें और करीब आठ घंटे की पूरी नींद लें।
बच्चा न रोये तो डॉक्टर से संपर्क करें
डॉ सुनील प्रधान ने बताया कि यदि जन्म होने तुरंत बाद बच्चा न रोये तो डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि जन्म होते ही जब बच्चा पहली बार रोता है तभी ऑक्सीजन बच्चे के शरीर में जाती है। ऐसे में ऑक्सीजन न जाने से ब्रेन डैमेज होने का खतरा रहता है। जिससे आगे चलकर वह मिर्गी का मरीज हो सकता है।

प्रमुख कारण
- सिर पर चोट लगना
- नवजात के दिमाग में ऑक्सीजन के प्रवाह का कम होना
- ब्रेन ट्यूमर, दिमागी बुखार, इंसेफेलाइटिस और ब्रेन स्ट्रोक

ये हैं लक्षण
- दौरे पड़ना
- मुंह से झाग निकलना
- बेहोशी आना, गिर पड़ना
- गुमसुम रहना
- व्यवहार में बदलाव आना

ऐसे करें बचाव
- बाइक चलाते वक्त हेल्मेट जरूर लगाएं
- हरी एवं पत्तेदार सब्जियां अच्छे से धुलकर खाएं
- घनी आबादी में रहने या जाने से बचें
- समय पर दवा लें
- खुद से दवा न छोड़ें

कोरोना की वजह से मिर्गी के मरीजों को परामर्श न मिलना और खुद दवा छोड़ने की वजह से दौरों की संख्या बढ़ रही है।
डॉ सुनील प्रधान, प्रमुख न्यूरोलॉजी विभाग एसजीपीजीआई