लखनऊ (ब्यूरो)। इंफ्लुएंजा के सब वैरिएंट एच3एन2 का असर इन दिनों हर जगह देखने को मिल रहा है। बच्चों से लेकर बड़ों तक में सर्दी-जुकाम हफ्तों तक चल रहा है। इसके लक्षण कोविड जैसे होने के चलते लोगों में इसको लेकर डर बैठता जा रहा है। हालांकि, डॉक्टर्स का कहना है कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि 90 फीसदी मामलों में यह बीमारी अपने आप ठीक हो जा रही है। बेहद ही कम मामले में लोगों को भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में घबरायें नहीं और डॉक्टर से परामर्श लेकर अपना इलाज करवाएं।

पोस्ट कोविड इम्यूनिटी पर असर

सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में सर्दी-खांसी, जुकाम, बुखार आदि समस्या वाले 20-25 फीसदी मामले रोज आ रहे हैं। मरीजों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं। संजय गांधी पीजीआई में पीडियाट्रिशियन डॉ। पियाली भट्टाचार्य ने बताया कि यह वायरस अपना कैरेक्टर बदलता रहता है। जो इस बार एच3एन2 हो रहा है। इसबार इसका असर थोड़ा लंबा देखा जा रहा है। ओपीडी में इस समय करीब 70 फीसदी बच्चे इन्हीं लक्षणों वाले आ रहे हैं। इसके पीछ की एक बड़ी वजह यह भी हो सकती है कि पोस्ट कोविड इम्यूनिटी पर जो असर हुआ, उसके कारण बच्चों से लेकर बड़ों में इसका असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। कोरोना की तरह यह वायरस भी सांस और खाने की नली पर असर कर रहा है। पर सर्दी, बुखार जैसे लक्षण 5-7 दिन में और डायरिया व उल्टी जैसे लक्षण 2-3 दिन में अपने आप खत्म हो जा रहे हैं, जबकि खांसी थोड़ा लंबा चल रही है। ऐसे में ट्रीटमेंट थोड़ा देखकर देना चाहिए। पेरेंट्स ज्यादा घबराये नहीं, क्योंकि यह अपने आप ठीक भी हो जा रहा है। बस इस बात का ध्यान रखें कि अपने तरफ से कोई दवा बच्चे को न दें।

संभलकर करें बच्चों का इलाज

डॉ। पियाली भट्टाचार्य के मुताबिक, छोटे बच्चों को कफ सिरप नहीं देना चाहिए। घरेलू नुस्खे जैसे हल्दी वाला दूध या फिर सौंफ व मिश्री मुंह में रखें। हालांकि, ये चीजें दो साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं देनी है। जिन घरों में नवजात हो, उनके सदस्यों को इंफ्लुएंजा की वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए, ताकि बच्चे को सुरक्षा कवच मिल सके। ऐसे में मई के आखिरी तक बच्चे से लेकर बड़े तक को वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए, क्योंकि बारिश के बाद इंफ्लुएंजा का कोई दूसरा वैरिएंट आ सकता है। ऐसे में समय पर सुरक्षा बेहद जरूरी है। जिनको डायबिटिक, सीओपीडी, अस्थमा जैसी क्रोनिक बीमारी हो, उनको वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी पहले से ही बेहद कमजोर होती है।

कोविड जैसे ही बचाव

लोहिया संस्थान में मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ। विक्रम सिंह के मुताबिक, इंफ्लुएंजा से बचाव के लिए कोविड नियमों का पालन करना होगा। मास्क पहनें, संक्रमित से दूरी बनाकर रखें, साबुन से हाथ धोएं, बार-बार मुंह न छुएं, खांसते और छींकते समय मुंह ढकें, भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। संक्रमण होने की स्थिति में डॉक्टर द्वारा लिखी हुई दवाओं का सेवन करें। खुद से कोई इलाज न करें।

ये हैं कुछ कॉमन लक्षण

-बुखार

-सर्दी

-खांसी-जुकाम

-बदन दर्द

-डायरिया

छोटे बच्चों को कफ सिरप नहीं देना चाहिए। घरेलू नुस्खे जैसे हल्दी वाला दूध या फिर सौंफ व मिश्री मुंह में रखें। हालांकि, ये चीजें दो साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं देनी है।

-डॉ। पियाली भट्टाचार्य, पीडियाट्रिशियन, एसजीपीजीआई