- लॉकडाउन के चलते पूरी तरह पटरी से उतर गया परिवहन कारोबार

LUCKNOW : लॉकडाउन से बाकी उद्योगों की तरह राजधानी के परिवहन कारोबार को भी अब तक डेली करीब 35 लाख का नुकसान हो रहा है। ऑटो-ई रिक्शा, ओला-उबर संचालकों को सरकार से उम्मीद हैं कि इस उद्योग को फिर से पटरी पर लाने के लिए कुछ न कुछ योजनाएं जरूर लाई जाएंगी। इसके बाद भी राजधानी में चलने वाले पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सभी विंग लॉकडाउन के बाद बेहतर और सुरक्षित सफर लोगों को देने के लिए तैयार है।

ऑटो सेक्टर

4545 ऑटो राजधानी में

2 लाख से अधिक पैसेंजर्स डेली करते सफर

ऑटो संघ के अनुसार वे संचालन के लिए जारी की जाने वाली गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करेंगे। एक बार में ऑटो में जब लोग कम बैठेंगे तो उनकी जेब पर भार बढ़ सकता है। लोग कोरोना से बचने के लिए शेयरिंग ऑटो में भी अब कम ही चलेंगे।

ई रिक्शा

20 हजार ई रिक्शा शहर में

2.5 लाख लोग रोज करते हैं सफर

शहर की तंग गलियों में भी ई रिक्शा का संचालन किया जाता है। जब ई रिक्शा को फिर से संचालन की मंजूरी दी जाएगी तो इसमें भी कम लोगों को ही बैठाया जाएगा। ऐसे में इसके किराए में भी इजाफा हो सकता है।

ओला-उबर

8 हजार से अधिक वाहनों का संचालन

20 हजार लोग रोज करते हैं यात्रा

ऑन डिमांड उपलब्ध इस परिवहन सेवा का यूज मिडिल एवं हाई क्लास ही अधिकतर करता है। इसमें एसी और नॉन एसी दोनों ही तरह के वाहन हैं। सुविधाजनक और सुरक्षित होने के कारण इसकी लोकप्रियता किराया अधिक होने के बाद भी बढ़ सकती है।

सिटी बस

180 सिटी बसें राजधानी में

25 हजार लोग रोज करते हैं सफर

पब्लिक को कम किराए में परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने वाली सिटी बसें शहर के 31 रूट पर चलती हैं। अब इनका जब फिर संचालन शुरू होगा तो इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा। यह सेवा भी एसी और नान एसी दोनों ऑप्शन में मौजूद है।

मेट्रो

1 रूट पर हो रहा है मेट्रो का संचालन

45 हजार लोग डेली मेट्रो से करते हैं जर्नी

करीब 21 किमी लंबे नार्थ कॉरिडोर रूट पर मेट्रो का संचालन होता है। इस एसी परिवहन सुविधा के लिए पैसेंजर्स कार्ड का भी यूज करते हैं। लोकल ट्रांसपोर्ट में इसे सबसे सुरक्षित माना जाता है।

बाक्स

सरकार से उम्मीदें

- जितने दिन कामर्शियल वाहन नहीं चले उनका टैक्स न लिया जाए

- बीएस फोर कामर्शियल वाहनों के रजिस्ट्रेशन में छूट दी जाए

- ऐसे वाहनों की लोन किश्त में ब्याज न लिया जाए

- परमिट और फिटनेस फीस कम की जाए

- बेहतर वाहनों के लिए कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जाए

कोट

पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। बिना मास्क के लिए को सफर नहीं करने दिया जाएगा। सभी को हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।

संजय कुमार तिवारी, एआरटीओ प्रशासन

सिटी बसों को सेनेटाइज करने का काम पूरा हो गया है। बसों में भीड़ नहीं होने दी जाएगी और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। रही बात किराए की तो किराया बढ़ाने का मामला बोर्ड बैठक में रखा जाएगा।

आरके मंडल, एमडी सिटी बस प्रबंधन

हमारे यहां जल्दी-जल्दी मेट्रो सेवा मिलती है, ऐसे में लोग भीड़ में जाने की जगह कुछ मिनट इंतजार करके अगली मेट्रो पकड़ेंगे। यहां सेनेटाइजेशन से लेकर बाकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मेट्रो का किराया नहीं बढ़ाया जाएगा।

पुष्पा बेलानी, प्रवक्ता, यूपीएमआरसी

जिस ऑटो में तीन लोग बैठते थे, उसमें जब दो लोग बैठेंगे तो उन पर किराए का बोझ बढ़ेगा। यही हाल ई रिक्शा का भी होगा। लॉकडाउन से जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई जल्द संभव नहीं है।

पंकज दीक्षित, अध्यक्ष

लखनऊ ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर्स एसोसिएशन